65 एकड़ की राजगृही में भूमाफिया ने 15 एकड़ जमीन की चोरी, 80 से अधिक भूखंड हड़पकर घटा दिया एरिया भी
इंदौर। जागृति गृह निर्माण संस्था (Jagriti Housing Society) की पीपल्याहाना में सालों पहले 65 एकड़ पर काटी कालोनी राजगृही में तमाम घोटाले होते रहे हैं। भूमाफियाओं ने सदस्यों की रजिस्ट्री की हुई जमीनें भी अन्य संस्थाओं और रसूखदारों को बेच डाली, जिसमें से एक संस्था सविता गृह निर्माण को भी लगभग 11 एकड़ जमीन बेच दी, जिसकी रजिस्ट्री अब प्रशासन शून्य करवा रहा है। सहकारिता विभाग ने कोर्ट में दावा लगा दिया है। सविता के साथ-साथ दीप गणेश, दीप गृह निर्माण, कुशल गुरु गृह निर्माण के साथ-साथ ऋषभ गृह निर्माण को भी कुछ भूखंड आवंटित कर दिए हैं। लगभग 15 एकड़ जमीन की चोरी भूमाफियाओं ने संस्था की मूल जमीनों में से कर ली और बदले में 1500 स्क्वेयर फीट के भूखंडों को छोटा कर 1250 स्क्वेयर फीट के कर डाले।
अभी कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी (Collector Dr. Ilaiyaraaja T) के निर्देश पर सहकारिता विभाग ने नवभारत की तैयबी रियल इस्टेट को बिकी 18 एकड़ से अधिक जमीन की रजिस्ट्री शून्य करवाने के लिए कोर्ट में परिवाद दायर करवाया, तो उसके बाद जागृति गृह निर्माण की 11.374 एकड़ बिकी सविता गृह निर्माण की जमीन की रजिस्ट्री भी शून्य करवाने की प्रक्रिया शुरू की गई। उपायुक्त सहकारिता मदन गजभिये ने बताया कि पीपल्याहाना के सर्वे नम्बर 606/3, सर्वे नं. 597, सर्वे नं. 612, 610, 643/1/1 की लगभग 11.374 एकड़ जमीन 26.03.2006 को सविता गृह निर्माण को अवैध रूप से बेच दी गई और 30 लाख 63 हजार रुपए में यह जमीन बेची, जबकि इस पर जागृति गृह निर्माण के 80 से अधिक सदस्यों के भूखंड मौजूद रहे। लिहाजा अभी इस बेची गई जमीन की रजिस्ट्री को अवैध और शून्य करवाने के लिए दशम् व्यवहार न्यायाधीश न्यायालय इंदौर के समक्ष संस्था प्रशासक संजय कौशल अंकेक्षण अधिकारी द्वारा दावा प्रस्तुत किया गया है। संस्था को उक्त जमीन वापस दिलवाकर जागृति गृह निर्माण के भूखंडों से वंचित सदस्यों को यहां पर भूखंड उपलब्ध कराए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि बॉबी छाबड़ा ने जागृति गृह निर्माण में भी फर्जीवाड़े किए और उसकी 15 एकड़ जमीन अपनी अन्य जेबी संस्थाओं को बेच डाली। इतना ही नहीं, 65 एकड़ की कॉलोनी में 1500 स्क्वेयर फीट की बजाय 1250 स्क्वेयर फीट के भूखंड कर दिए। पिछले दिनों आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक भोपाल ने एक आदेश जारी कर तीन सदस्यीय निराकरण कमेटी भी गठित करवाई और 1685 रजिस्ट्रियों की जांच शुरू की गई। दरअसल 2006 में अग्निबाण ने ही इस घोटाले को पकडक़र तत्कालीन कलेक्टर विवेक अग्रवाल से इसकी जांच करवाई थी। पूर्व कलेक्टर मनीष सिंह ने भी इस संस्था के घोटालों की जांच जब शुरू करवाई तो सविता गृह निर्माण ने जमीन सरेंडर करने का शपथ-पत्र भी दे दिया। अब वर्तमान कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा के निर्देश पर रजिस्ट्री को शून्य करवाने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसमें दिए गए शपथ-पत्र से भी फायदा मिलेगा।
जागृति गृह निर्माण की भी केस डायरी गुमा दी है पुलिस ने…
अभी पिछले दिनों एक नया मामला सामने आया, जिसमें तीन थानों की कई केस डायरियां और चालान गायब बताए गए। इनमें जमीनों से भी जुड़े कई मामले शामिल हैं और यह भी पता चला है कि जागृति गृह निर्माण की कालोनी राजगृही से संबंधित जमीन घोटाले की केस डायरी भी पुलिस ने गुमा दी है। दरअसल संस्था के खिलाफ 2017 में अपराध 90/16 दर्ज हुआ था और केस डायरी गायब होने के बाद डुप्लीकेट कॉपी से डायरी बनवाकर चालान पेश किया गया। दरअसल बीते कई सालों से जमीनी जादूगरों की मदद पुलिस से भी होती रही है और कई मामले बाद में कमजोर कर दिए, तो कुछ में खात्मे भी पेश हो गए।
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