इंदौर। 35 विभागों के 100 सरकारी दफ्तरों में महिलाओं को कार्यस्थल पर उत्पीडऩ से बचाने के लिए समिति गठित कर ली गई है वहीं 197 प्राइवेट संस्थान भी आगे आए हैं लेकिन अब भी आसपास के क्षेत्रों में महिलाओं को इसकी जानकारी ही नहीं। कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षित करने के लिए किरण समिति का गठन किया जाना अनिवार्य किया गया है, लेकिन अब औद्योगिक क्षेत्र प्राइवेट संस्थान ध्यान ही नहीं दे रहे हैं महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई गई मुहिम में सरकारी विभागों के 100 से अधिक दफ्तरों में उत्पीडऩ समिति गठित कर दी गई है, लेकिन शहर के पीथमपुर और सांवेर क्षेत्र में स्थित औद्योगिक संस्थानों में अब भी समिति गठित नहीं की गई है। जबकि सबसे ज्यादा मजदूरी करने और दिहाड़ी करने वाली महिलाएं इन्हीं क्षेत्रो में कार्यरत है। सांवेर क्षेत्र की गोली बिस्किट बनाने वाली फैक्ट्रियों खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग और निर्माण करने वाले संस्थान सबसे ज्यादा है, लेकिन इन फैक्ट्रियों और प्राइवेट संस्थानों में अब तक समिति गठित करने की सुध ही नहीं ली है।
गठित करना अनिवार्य, यह है नियम
महिलाओं को कार्यस्थल पर छेड़छाड़, यौन उत्पीडऩ, घूर कर देखना या द्विअर्थी संवाद करके शोषित करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रत्येक कार्यालय में उत्पीडऩ समिति गठित करना अनिवार्य किया गया है। ऐसे संस्थान जहां 10 या 10 से अधिक महिलाएं कार्यरत है, चाहे वह मजदूर से लेकर उच्च पद पर ही कार्यरत क्यों न हो। कार्यस्थल पर यौन उत्पीडऩ, सुरक्षा समिति का गठन किया जाना अनिवार्य है। लेकिन उलट इसके अब तक सिर्फ गिने चुने ही उद्योगों ने इस और ध्यान दिया है। इस समिति में संस्थान के ही मालिक सहित दो महिलाओं और एक अधिकारी को मिलाकर समिति गठित किया जाना तय किया गया है।
विभाग ने पहुंचाए नोटिस
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा गठित की जाने वाली इन समितियों की देखरेख के लिए मुहिम छेड़ी गई है, जिसके तहत अब तक विभाग ने सभी संस्थानों को पत्र द्वारा सूचित किया जा चुका है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रत्येक संस्थान को इसकी उपयोगिता और अनिवार्यता समझाइश गई है। विभाग के अधिकारियों ने कई संस्थानों में जाकर समझाइश भी दी है, अब नोटिस की कार्रवाई की जा सकती है।
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