दौसा: अन्नदाता की परेशानियों की दास्तान जाने कब थमेगी? फसल पर अक्सर मौसम की मार झेलने वाले किसान दौसा जिले में जाड़े के मौसम और बिजली की दोहरी मार झेल रहे हैं. जिले में रात का तापमान 8 डिग्री तक भी लुढ़क रहा है. कभी कभी तो पारा इससे नीचे भी चला जाता है. ऐसे में किसान के संघर्ष की कहानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई बार किसान को दिन में बिजली न मिलने से खेतों में फसल को पानी देने के लिए रात खेतों में गुजारनी पड़ रही है.
मौहलाई निवासी विश्राम मीणा ने बताया कि हम रात भर खेतों में रहते हैं. एक तो गांंवों में दिन की जगह रात के समय में बिजली सप्लाई होती है और रात में ही खेतों में पानी देना पड़ता है. दूसरी तरफ रात भर आवारा पशु गाय, नीलगाय सहित अन्य पशुओं के खेत आने का डर बना रहता है. उनसे फसल को बचाने के लिए रात भर जाग कर रखवाली करनी पड़ती है. अगर दिन में बिजली दी जाए तो स्थितियां काफी बेहतर हो सकती हैं.
इसी तरह जौध्या निवासी किसान कैलाश ने कहा ‘रात भर जागना पड़ता है. सर्दी में रहना पड़ता है. गायों की रखवाली करनी पड़ती है. आवारा गायें और जानवर आते हैं जो सरसों, गेहूं की फसल को खा जाते हैं. आवारा जानवर फसल को चौपट कर देते हैं. अगर सरकार किसानों का दुख समझे तो दिन में लाइट दे सकती है और गौशाला बना सकती है. हमारे यहां जगह भी काफी है.’
मचानों में ही गुजरती है रात
मौहलाई निवासी किसान ओम राज ने बताया कि कई बार तो हमें इतनी तेज सर्दी में रखवाली करनी पड़ती है कि खेत में बैठे-बैठे ही ठिठुरन होने लगती है. अभी हमारे यहां सर्दी कम है लेकिन लोग अभी भी खेतों में ही रहते हैं. किसान खेतों के मचान में ही रात गुजारते हैं. कई बार तो सर्दियों में पारा 1 से 2 डिग्री रह जाता है, तब भी किसान को खेत में ही डटे रहने पड़ता है. फसल की रखवाली के लिए खेतों के चारों तरफ कंटीले तार और झाड़ू के बावजूद आवारा पशु मौका मिलते ही फसल को चौपट करने से नहीं चूकते.
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