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    छत्तीसगढ़ः कांग्रेस को वापसी का भरोसा, सालभर पहले ही चुनावी हलचल तेज

  • December 19, 2022

    नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में हर पांच साल बाद सरकार बदलने (change government) का रिवाज नहीं है। इसीलिए कांग्रेस (Congress) आगामी विधानसभा चुनाव (upcoming assembly elections) में अपना फायदा देख रही है। क्योंकि, इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के रमन सिंह लगातार तीन बार (वर्ष 2003 से 2018) राज्य के मुख्यमंत्री रहे। खास बात है कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) भी 2023 में चुनावी दौर से गुजरेगा।

    रायपुर में कांग्रेस का 85वां महाधिवेशन
    कांग्रेस का 85वां महाधिवेशन रायपुर में होगा। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (mallikarjun kharge) की अध्यक्षता में संचालन समिति इस पर मुहर लगा चुकी है। महाधिवेशन के ऐलान के बाद पार्टी ने वरिष्ठ नेता कुमारी शैलजा को प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी है। ऐसे में यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या छत्तीसगढ़ में गुटबाजी खत्म हो गई है। पार्टी का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य के मतदाता पिछली बार की तरह इस बार भी कांग्रेस पर ही विश्वास करेंगे।


    बदलाव की संभावना काफी कम
    पार्टी के वरिष्ठ नेता मानते हैं कि छत्तीसगढ़ में बदलाव की अब संभावना कम है, क्योंकि फरवरी में पार्टी का महाधिवेशन है। इसके बाद चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं बचेगा। प्रदेश में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। ऐसे में पार्टी पंजाब की तरह चुनाव से ठीक छह माह पहले मुख्यमंत्री बदलने का जोखिम नहीं उठाएगी।

    पुनिया की जगह कुमारी शैलजा को प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी
    पार्टी के रणनीतिकार मानते हैं कि वरिष्ठ नेता पीएल पुनिया की जगह कुमारी शैलजा को प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव के बीच अंतरकलह पर रोक लगाने की कोशिश की है। शैलजा को पहली बार किसी चुनावी प्रदेश के प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। पार्टी शीर्ष को कुमारी शैलजा से जीत दिलाने की उम्मीद है।

    बघेल के केंद्रीय नेतृत्व के साथ भी बेहतर रिश्ते
    मुख्यमंत्री बघेल के पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के साथ भी बेहतर रिश्ते हैं। उत्तर प्रदेश के बाद उन्हें हिमाचल प्रदेश में चुनाव पर्यवेक्षक बनाया गया था। पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रचार का जिम्मा संभाला। इस चुनाव में पार्टी सत्ता तक पहुंचने में सफल रही। इस जीत से पार्टी में बघेल का कद और बढ़ा है।

    कांग्रेस ने चार वर्षों में पांच उपचुनाव जीते
    छत्तीसगढ़ में पिछले चार वर्षों में पांच उपचुनाव हुए हैं। इन सभी उपचुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। पार्टी के एक नेता ने कहा कि फरवरी तक किसी तरह का कोई बदलाव मुमकिन नहीं है। इसके बाद सरकार चुनाव मोड में होगी। ऐसे में कांग्रेस पंजाब की गलती नहीं दोहराएगी और बघेल मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं।

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