उज्जैन। नगर निगम की आर्थिक हालत ठीक नहीं है और महापौर मुकेश टटवाल गत दिवस शासन से आर्थिक सहायता लेने गए थे लेकिन फिलहाल सफलता नहीं मिली है। 6 महीने नगर निगम के चुनाव होने को आए हैं। जनता ने भाजपा की प्रदेश में सरकार देखकर भाजपा के पार्षदों को अधिक से अधिक जिताया है ताकि विकास कार्य सुचारू रूप से चल सके लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। पार्षदों को अभी तक 1 रुपया भी बजट का नहीं मिला है, वहीं महापौर मुकेश टटवाल नगर निगम को बड़ा बजट दिलवाने के लिए करीब दो सप्ताह पहले नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से मिलने गए थे और उन्हें करीब 100 करोड़ देने की योजना दी थी लेकिन अभी फिलहाल इस पर निर्णय नहीं हुआ है।
ऐसे में आगे काम कैसे होगा यह बड़ा प्रश्न है। पार्षदों को 15 लाख रुपए पार्षद मद में देने की बात कही है, वहीं ठेकेदारों की भी करीब 120 करोड़ रुपए की देनदारी नगर निगम की है और नगर निगम की कुल आय प्रतिमाह चुंगी क्षतिपूर्ति को मिलाकर 14 से 15 करोड़ रुपए हैं और इनमें से 12 करोड़ रुपये वेतन पर ही खर्च हो जाते हैं। अब तीन करोड़ में नगर निगम अपने बिल अदा करें या विकास कार्य कराए। इसके चलते नगर निगम की माली हालत बहुत खराब हो गई है। जब तक सरकार बड़ा बजट नहीं देगी तब तक नगर निगम की गाड़ी पटरी पर नहीं आ सकती है।
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