इंदौर। कांग्रेस की अनुशासन समिति ही खुद अनुशासन का पालन नहीं कर पा रही है। समिति ने पिछले दिनों शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल का विरोध करने वाले दो नेताओं को नोटिस तो थमाया, लेकिन उनका विरोध करने वाले दो नेताओं पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की। इससे अनुशासन समिति पर ही सवाल खड़ा हो गया है।
कांगे्रस के अध्यक्षों में बड़े पैमाने पर अगले साल बदलाव होने वाला है। इंदौर में भी जिलाध्यक्ष और शहर अध्यक्ष को लेकर बदलाव होने की संभावना है। उसके पहले ही दावेदारों ने अपने-अपने समर्थकों के माध्यम से वर्तमान अध्यक्षों का विरोध करना शुरू कर दिया है। पहले कांग्रेस के प्रवक्ता विवेक खंडेलवाल और गिरीश जोशी ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के खिलाफ एक बदलाव सम्मेलन रखा और भोपाल तक बदलाव यात्रा करने की तैयारी की, लेकिन बाकलीवाल ने सम्मेलन में पहुंचकर उनके आंदोलन की हवा निकाल दी और विरोधी नेता बाकलीवाल के पक्ष में ही बातें करने लगे।
उसके बाद अनूप शुक्ला और नरेश सिलावट ने रीगल प्रतिमा पर बाकलीवाल के खिलाफ प्रेस कान्फ्रेंस की। इस पर कांग्रेस की अनुशासन समिति एक्टिव हुई और दोनों नेताओं को नोटिस भेजा। बताया जा रहा है कि इसमें से शुक्ला ने नोटिस नहीं लिया है, जबकि सिलावट ने नोटिस ले लिया और उन्हें 7 दिन में जवाब देने के लिए कहा गया है। कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि अनुशासन समिति को खंडेलवाल और जोशी को भी नोटिस देना था, लेकिन शहर के एक बड़े नेता से जुड़े होने के कारण उन्हें नोटिस नहीं दिया गया।
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