नई दिल्ली । किसी भी व्यक्ति के क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History) आइना है. इसके अलावा किसी भी बोरोअर की विश्वसनीयता को मापने के लिए बैंकों का एक पैमाना है. सिबिल स्कोर (Cibil Score ), उर्फ क्रेडिट स्कोर, सिबिल की ओर से जेनरेट किया जाता है, जो भारत में क्रेडिट ब्यूरो (Credit Bureau) में से एक है. अपने लोन को तुरंत अप्रूव कराने के लिए, एक अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रखना महत्वपूर्ण है. एक बेहतर सिबिल स्कोर बनाए रखने के लिए समय पर किश्तों की रीपेमेंट करना काफी जरूरी है. ईमानदारी और निरंतरता की आवश्यकता होती है. यहां दस तरीके दिए गए हैं जिनसे आप एक अच्छा सिबिल स्कोर बनाए रख सकते हैं.
सिबिल स्कोर की गणना कैसे की जाती है?
सिबिल स्कोर की कैलकुलेशन कई कंपोनेंट को ध्यान में रखकर की जाती है, जिसमें पेमेंट हिस्ट्री, पेमेंट हिस्ट्री का टेन्योर, भुगतान न किए गए लोन की संख्या, लोन अमाउंट आदि शामिल हैं. बेहतरीन सिबिल स्कोर 750-900 की लिमिट में आता है. अच्छा सिबिल स्कोर 650-750 के दायरे में आता है. 550-650 के बीच का सिबिल स्कोर एवरेज होता है और 300-500 की सीमा में आने वाला सिबिल स्कोर खराब कैटेगिरी में आता है.
गुलर ईएमआई का भुगतान करें
लोन की ईएमआई का भुगतान समय पर करें. सिबिल स्कोर की पहचान करने में मौजूदा लोन का रीपेमेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. यह ध्यान देने योग्य है कि लोन का भुगतान न करने या किश्तों का भुगतान करने में देरी आपके सिबिल स्कोर को काफी प्रभावित कर सकती है. क्रेडिट कार्ड का बकाया समय पर चुकाना भी जरूरी है. अन्यथा, यह आपके सिबिल स्कोर को भी प्रभावित कर सकता है
अपनी क्रेडिट लिमिट कम करें
एक अच्छा सिबिल स्कोर रेटिंग सुनिश्चित करने के लिए एक और महत्वपूर्ण उपाय क्रेडिट उपयोग को अनुकूलित करना है. इसका मतलब है कि क्रेडिट कार्ड के यूज को कम करने के लिए किसी को अपनी क्रेडिट राशि पर अंकुश लगाने या अपने खर्च में कटौती करने की आवश्यकता है. क्रेडिट कार्ड का न्यूनतम उपयोग आपके क्रेडिट स्कोर को होने वाले संभावित नुकसान से बचा सकता है. इसके अलावा कर्ज के लिए आवेदन करते समय भी सावधानी बरतने की जरूरत है. एक बार में कई लोन लेने से क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है.
ज्यादा कर्ज से दूर रहें ज्यादा कर्ज लेने से बचें. साथ ही क्रेडिट कार्ड का यूज भी काफी सावधानीपूर्वक करें. कर्ज की एक बड़ी राशि आपके सिबिल स्कोर को प्रभावित कर सकती है.
अपनी सिबिल रिपोर्ट और सिबिल स्कोर की चेक करते रहें अपने सिबिल स्कोर और सिबिल रिपोर्ट की जांच करने से आप अपने दस्तावेजों में किसी गलती या किसी अन्य समस्या के कारण किसी भी प्रकार की खराब सिबिल रेटिंग से बच जाएंगे. कोई भी व्यक्ति सिबिल की वेबसाइट पर जाकर अपनी सिबिल रिपोर्ट का अनुरोध कर सकता है. कई बार, आपके रिकॉर्ड को अपडेट करते समय या दस्तावेज अपलोड करते समय कुछ विसंगतियां होती हैं. सिबिल रिपोर्ट की नियमित जांच करने से आपको समय पर ऐसी गलतियों को सुधारने में मदद मिलेगी.
नए क्रेडिट कार्ड से सावधान रहें
नए क्रेडिट कार्ड लेने से लोन प्राप्त करने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह उपाय प्रतिकूल भी हो सकता है. अत्यधिक क्रेडिट कार्ड और फालतू खर्च आपके क्रेडिट स्कोर को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए, क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करते समय सावधान रहना बेहतर है और आवेदन करने से पहले एक बार अपना सिबिल स्कोर चेक करें. ऐसे बैंक से क्रेडिट कार्ड लेना बेहतर है जहां लोन मिलने की संभावना ज्यादा हो.
पोर्टफोलियो में क्रेडिट प्रकारों में विविधता लाएं
लंबे समय तक एक विशिष्ट प्रकार के क्रेडिट स्रोर्स से चिपके रहने के बजाय आपके सिबिल स्कोर को नुकसान पहुंचा सकता है. ऐसे में क्रेडिट के ऑप्शन तलाशना बेहतर होता है ताकि सिबिल स्कोर आपके खर्च करने के तरीके में बाधा न बने. लोग पर्सनल लोन, सेफ्टी लोन, लंबी और छोटी अवधि के लोन आदि सहित क्रेडिट स्रोर्स का मिश्रण शामिल कर सकते हैं.
क्रेडिट इतिहास बनाने के लिए उधार लें
एक अच्छा क्रेडिट स्कोर रखने के लिए, अतीत में लोन या क्रेडिट लेना महत्वपूर्ण है. उन लोगों के लिए जिन्होंने अपने अतीत में कोई क्रेडिट नहीं लिया है, संभावना है कि उनका क्रेडिट स्कोर कम हो. इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि उधार लेकर या क्रेडिट लेकर एक अच्छा क्रेडिट इतिहास बनाएं.
अपनी क्रेडिट लिमिट सीमा बढ़ाएं
अपने क्रेडिट स्कोर को सुधारने का एक त्वरित तरीका अपनी क्रेडिट सीमा को बढ़ाना है. यह आपके क्रेडिट उपयोगिता अनुपात को कम करेगा और अंतत: आपके क्रेडिट स्कोर को बढ़ावा देगा. स्वस्थ सिबिल स्कोर के लिए अपनी क्रेडिट सीमा का अधिक उपयोग करना कभी भी अच्छा अभ्यास नहीं है, क्योंकि यह आपके क्रेडिट उपयोग अनुपात को शूट कर सकता है, डिफॉल्ट के रिस्क को बढ़ा सकता है. इसलिए, क्रेडिट लिमिट का अधिक उपयोग आपके क्रेडिट स्कोर को प्रमुख रूप से प्रभावित कर सकता है और अपनी क्रेडिट लिमिट बढ़ाकर इससे बचा जा सकता है.
लंबी अवधि के लोन पर जाएं
किसी की वित्तीय क्षमता के आधार पर लोन की अवधि और ईएमआई राशि तय करने की हमेशा सलाह दी जाती है. किसी भी संदेह या भ्रम की स्थिति में, व्यक्ति को हमेशा लोन की लंबी अवधि का विकल्प चुनना चाहिए, जिससे ईएमआई राशि कम हो जाएगी. इससे आपको समय पर ईएमआई चुकाने में आसानी होगी और सिबिल स्कोर सुधारने में मदद मिलेगी.
ज्वाइंट अकाउंट से सावधान रहें
ज्वाइंट अकाउंट होल्ड या किसी और के लोन का गारंटर बनने के लिए सहमत होने से पहले हमेशा सावधान रहें. लोन पर कोई भी डिफॉल्ट आपके सिबिल स्कोर को प्रभावित करेगा. इसलिए सलाह दी जाती है कि यह भूमिका केवल उन्हीं को लेनी चाहिए जिन पर आप अच्छे से भरोसा करते हैं.
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