नई दिल्ली। भारत (India) अगर चाहे तो अब अग्नि-5 बैलिस्टिक मिसाइल से 7000 किमी दूर स्थित दुश्मन का भी सफाया कर सकता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने एटमी सक्षम अग्नि-5 मिसाइल का वजन घटाकर इसकी क्षमता को बढ़ाने में सफलता हासिल की है।
इस मिसाइल में इस्पात (steel in missile) की जगह कम्पोजिट मैटेरियल (composite material) का इस्तेमाल किया है। एटमी सक्षम अग्नि 5 बैलिस्टक मिसाइल (Agni 5 Ballistic Missile) का गुरुवार सफल परीक्षण हुआ था जिसमें इसने अपनी क्षमता 5400 किमी दूर स्थित लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदा था।
डीआरडीओ ने वजन घटाकर बढ़ाई मिसाइल की क्षमता
डीआरडीओ ने सूत्रों ने बताया कि मिसाइल का वजन 20 फीसदी से अधिक तक घटा है। जिसके चलते अब इसकी मारक क्षमता 7000 किमी हो गई है। भारत में एटमी हथियार कार्यक्रम मुख्य रूप से चीन और पाकिस्तान समेत उसके अन्य विरोधियों के खिलाफ प्रतिरोध के लिए है। क्योंकि भारत नो फर्स-यूज पॉलिसी का पालन करता है और कभी भी पहले वार नहीं करता।
पांच हजार किलोमीटर तक सटीक मार वाली मिसाइल की लॉन्च
इससे पहले परमाणु (nuclear) संपन्न बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का परीक्षण सफलतापूर्वक किया था। इस मिसाइल में तीन स्टेज में संचालित होने वाला सॉलिड फ्यूल इंजन लगाया गया है। अग्नि-5 पांच हजार किलोमीटर तक सटीक मार करने की क्षमता रखती है। ओडिशा के बालासोर तट स्थित अब्दुल कलाम परीक्षण केंद्र पर यह परीक्षण किया गया।
चीन के ये शहर हैं जद में
रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, यह मिसाइल बीजिंग, शंघाई, ग्वांगझाउ और हांगकांग सहित पूरे चीन को निशाना बनाने में सक्षम है। ‘अग्नि-5’ अपनी शृंखला में सबसे आधुनिक हथियार है। इसमें नौवहन के लिए नवीनतम प्रौद्योगिकियां हैं। परमाणु सामग्री ले जाने की इसकी क्षमता दूसरी मिसाइल प्रणालियों से कहीं ज्यादा है।
अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली बहुत कम देशों के पास है, जिसमें पाकिस्तान शामिल नहीं है। इसमें अमेरिका, चीन. रूस, फ्रांस और उत्तर कोरिया शामिल हैं। बता दें कि भारत के पास पहले से ही 700 किमी रेंज वाली अग्नि-1, 2000 किमी रेंज वाली अग्नि-2, 2,500 किमी से 3,500 किमी रेंज वाली अग्नि-3 मिसाइलें हैं। इन्हें पाकिस्तान के खिलाफ बनाई गई रणनीति के तहत तैयार किया गया है। वहीं अग्नि-4 और अग्नि-5 को चीन को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
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