अयोध्या । अयोध्या (Ayodhya) में रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की भवन निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक (meeting) के पहले दिन राम मंदिर (Ram Mandir) के प्रथम तल निर्माण की डेडलाइन घटा दी गयी। अब यह डेडलाइन अक्तूबर 2023 तय की गयी है जबकि पहले दिसम्बर 2023 घोषित किया गया था। बैठक में हुए विमर्श के बारे में जानकारी देते हुए तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय (General Secretary Champat Rai) ने बताया कि बहुत बार तय समय पर काम नहीं हो पाता है इसलिए समय अंतराल को घटाया गया जिससे उसी के अनुसार भगवान की प्राण प्रतिष्ठा का निर्णय लिया जा सके।
रामजन्मभूमि परिसर में हुई इस बैठक से पहले भवन निर्माण समिति चेयरमैन व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सलाहकार नृपेन्द्र मिश्र ने तीर्थ क्षेत्र पदाधिकारियों व एलएण्डटी एवं टीसीई के अधिकारियों के अलावा तकनीकी विशेषज्ञों की टीम के साथ मंदिर निर्माण कार्य का निरीक्षण किया। एलएण्डटी के चीफ प्रोजेक्ट निदेशक वीके मेहता ने डिस्प्ले के जरिए उन्हें निर्माण की प्रगति से अवगत कराया और उनकी जिज्ञासाओं का भी समाधान किया। पूर्वाह्न साढ़े नौ बजे से शुरु हुए निरीक्षण का क्रम एक घंटे तक चला। फिर बैठक शुरु हुई। बैठक में परकोटे के निर्माण को लेकर तकनीकी चर्चा के अलावा ‘आइकोनिक’ सिस्टम से रामायण के प्रसंगो के चित्रांकन पर भी गहन मंथन किया गया। करीब आठ एकड़ आयताकार परकोटे में डेढ़ सौ प्रसंगों को चित्रित किया जाना है।
तीर्थयात्री केंद्र में ही सुरक्षा जांच के बाद श्रद्धालुओं का होगा परिसर में प्रवेश
पूर्वाह्न साढ़े दस बजे से सायं पांच बजे तक चली मैराथन बैठक में लिए गये निर्णयों के बारे में सूचनाओं को साझा करते हुए तीर्थ क्षेत्र महासचिव ने बताया कि परिसर में प्रस्तावित तीर्थयात्री सुविधा केंद्र में ही सुरक्षा की जांच होगी। इसके बाद यात्रियों को प्रवेश दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस सुविधा केंद्र में एक लाख यात्रियों की व्यवस्था का प्रावधान किया गया है। फिर भी प्रथम चरण में 25 यात्रियों की दृष्टि से व्यवस्थाएं की जाएंगी। उन्होंने बताया कि यह सुविधा केंद्र श्रीराम अस्पताल व नगर निगम के जलकल परिसर के ठीक पीछे प्रस्तावित है। इसके लिए प्रवेश का मार्ग भी निर्धारित है।
महाराष्ट्र की ‘टीक’ भारत में सर्वश्रेष्ठ लकड़ियों में से एक है
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव ने बताया फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट(एफआरए), देहरादून भारत सरकार की संस्था है। इस संस्था के विशेषज्ञों के ही सुझाव पर राम मंदिर के दरवाजों के लिए महाराष्ट्र की ‘टीक’ लकड़ी का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके लिए एलएण्डटी की ओर से आर्डर दिया जा चुका है। बताया गया कि एफआरए के विशेषज्ञों के अनुसार भारत में महाराष्ट्र की टीक लकड़ी सर्वश्रेष्ठ है। बताया गया कि राम मंदिर में कुल 12 दरवाजे लगाए जाएंगे।
मई-जून में शुरु हो जाएगा गर्भगृह में फर्श का निर्माण
अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय का कहना है कि राम मंदिर के गर्भगृह में फर्श का निर्माण मई के अंत व जून के आरम्भ में शुरु हो जाएगा। मकराना मार्बल से प्रस्तावित इस फर्श की मोटाई 35 मिलीमीटर होगी। इस फर्श पर कालीन सरीखी चित्रकारी जिसे तकनीकी भाषा में ‘इन-ले’ कहा जाएगा की गहराई 15 मिलीमीटर होगी। बताया गया कि गर्भगृह की ऊंचाई 19 फिट दो इंच है और इस पर दस इंच बीम रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि लोअर प्लिंथ जो कि परिक्रमा पथ है की दीवार करीब 14-15 फिट ऊंची हो गयी है।
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