अब प्रदेश की नहीं भारत की गाड़ी दौड़ सकेगी
इंदौर, विकाससिंह राठौर। केंद्र सरकार (Central government) द्वारा शासकीय के साथ ही निजी कंपनियों में भी देश के अलग-अलग हिस्सों में काम करने वाले लोगों की सुविधा के लिए भारत (बीएच) सीरिज में वाहनों के रजिस्ट्रेशन (vehicle registration) में नए के साथ पुराने वाहनों को भी जोडऩे का फैसला लिया है। इससे देश में ट्रांसफरेबल जॉब करने वाले सभी लोगों को दूसरे राज्यों में जाने पर वाहन के ट्रांसफर करवाने की परेशानी से मुक्ति मिल सकेगी।
देश में लाखों ऐसे अधिकारी-कर्मचारी हैं जो शासकीय और निजी सेवा में रहते हुए अपने घरों से दूर अन्य राज्यों में जाकर सेवाएं दे रहे हैं। ऐसे लोगों का लगातार तबादला भी होता रहता है। ऐसे लोगों को हर बार तबादले के समय अपने वाहनों को नए राज्य में जाने पर वहां के आरटीओ में रजिस्टर्ड करवाना होता था। इसमें काफी समय और पैसे भी खर्च होते थे और परेशानी का भी सामना करना पड़ता था। सबसे ज्यादा समस्या प्राइवेट जॉब (private job) कर रहे लोगों के साथ होती थी, क्योंकि दूसरे राज्य में ट्रांसफर होने के बाद वहां वाहन को रजिस्टर्ड करवाने के लिए उन्हें पते की दिक्कत होती थी। ऐसे लोगों की सुविधा के लिए केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले भारत (बीएच) सीरिज की योजना तैयार की थी, जिसमें इस तरह के लोग अगर अपने वाहनों का पंजीयन करवा लेते हैं तो उन्हें देश के किसी भी राज्य में जाने पर अपने वाहनों का वहां अलग से ट्रांसफर नहीं करवाना होगा।
सरकारी के साथ निजी कंपनियों के कर्मचारी भी ले सकेंगे लाभ
शासन ने इस सीरिज का लाभ सिर्फ केंद्रीय विभागों में काम करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों के साथ-साथ उन निजी कंपनियों में काम करने वाले लोगों को भी दिया है, जिन कंपनियों का ऑफिस देश से चार या उससे ज्यादा राज्यों में होना जरुरी है। निजी या सरकारी कर्मचारियों को अपने कार्यालय से एक पत्र लेना होगा, जो इस बात को प्रमाणित करता होगा कि ऐसे लोगों का तबादला लगातार देश के अलग-अलग राज्यों में होता है।
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