रीवा: प्रदेश के रीवा (Reva) में खरीदारी करते वक्त आपको थोड़ी परेशानी आ सकती है क्योंकि यहां भारत सरकार (Indian government) द्वारा जारी मुद्रा लेने से इंकार कर दिया जाता है. रीवा के बाशिंदे (residents) पिछले कई सालों से इस दिक्कत का सामना कर रहे हैं. यदि आप किसी काम से रीवा जा रहे हैं तो इस खबर पर जरा गौर कीजिएगा.
रीवा में रोजमर्रा (Everyday in Rewa) की छोटी-छोटी जरूरतों के लिए जब आप किसी दुकान पर सामान खरीदने पहुंचते हैं तो दुकानदार सीधे ही भारत सरकार द्वारा जारी मुद्रा को लेने से इंकार कर देता है. रीवा में आप 1 या 2 रुपए की कीमत वाली सामग्री नहीं खरीद सकते. ऑटो का किराया, शेविंग ब्लेड, चॉकलेट साथ ही अन्य छोटी-बड़ी जरूरत का सामान जो एक-दो रुपये में आता है उसे आप नहीं ले पाएंगे. यहां तक की फल-फूल और सब्जियां खरीदने में भी आपको दिक्कत हो सकती है.
लोगों का कहना है कि ऐसी समस्या सिर्फ रीवा में है जहां भारतीय मुद्रा के तौर पर सिक्का नहीं चलता. ऐसे में यदि कोई एक, दो या तीन रुपए की सामग्री लेनी हो तो न चाहते हुए भी पांच या दस रुपए खर्च करने पड़ते हैं. समान भी जरूरत से ज्यादा लेना पड़ता है. रीवा के लोग पिछले कई सालों से इस दिक्कत का सामना कर रहे हैं. यह बात हमें रीवा के सिरमौर चौराहे के पास रहने वाले गिरीश त्रिपाठी ने बताई.
एक निजी बैंक के मैंनेजर राजेश व्यास ने बताया कि नियम के मुताबिक यदि कोई व्यक्ति या दुकानदार भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी कोई सिक्का लेने से मना करता है तो वह जाने-अनजाने में जुर्म कर रहा है. यह अपराध की श्रेणी में आता है. यदि कोई व्यक्ति किसी भी सिक्के को जो चलन में है लेने से मना करता है तो उसके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जा सकती है. उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम व आइपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई होगी.
इतना ही नहीं मामले की शिकायत रिजर्व बैंक में भी करने का प्रावधान है. भारतीय दण्ड संहिता की धारा 489A से 489E के तहत किसी विधिक न्यायालय द्वारा आर्थिक जुर्माना, कारावास या दोनों का प्रावधान है. हालांकि सरकार और आरबीआई द्वारा इसके लिए समाधान भी दिया गया है. यदि आप शिकायत नहीं कर सकते और यदि आपके पास ढेरों सिक्के जमा हैं तो आप इन्हें डाकघर में जमा कराकर इनके बदले नोट ले सकते हैं. सिक्कों से आप डाकघर से कुछ भी खरीद सकते हैं.
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