नई दिल्ली। आज का समय डिजीटल (digitized) का है और हर काम डिजीटल (digitized) द्वारा ही किए जा रहे हैं । फैशनेबल के चलते हम ज्यादातर चीजें ऑनलाइन ही खरीदते (buy online only) हैं। जब से चीजें ऑनलाइन आई हैं तब से चीजों की बाजारी खरीदारों कम हो गई है, लेकिन क्या आप जानती हैं कि ऑनलाइन खरीदारी (online shopping) खतरनाक भी हो सकती है अगर आप थोड़ी सी भी भूल कर दें तो एक गलती आपका भारी नुकसान करा सकती है।
जानकारी के लिए बता दें कि अक्सर लोगों को अलग-अलग प्रोडक्ट या सर्विस से जुड़ी समस्या के समाधान या किसी जानकारी के लिए संबंधित कंपनी से संपर्क करने की जरूरत पड़ती है। कंपनी का हेल्पलाइन नंबर निकालने के लिए लोग सबसे आसान तरीका गूगल पर सर्च करने को मानते हैं और वहां से सर्च करके नंबर निकाल लेते हैं। कई बार तो सर्च सही रहता है, लेकिन कई मामलों में लोग इस तरह नंबर निकालकर कॉल करने पर ठगी के शिकार हो जाते हैंसबसे पहले ये कि गूगल सर्च पर कभी भी किसी कंपनी का हेल्पलाइन नंबर सर्च न करें।
सबसे आसान तरीका ये है कि आप उस कंपनी की वेबसाइट पर जाएं, यहां एड्रेस बार में कंपनी की स्पेलिंग जरूर देखें। स्पेलिंग गलत है तो वेबसाइट भी गलत होगी। वेबसाइट सही है तो अब उस पेज पर सबसे नीचे या टॉप पर राइट या लेफ्ट साइड में Contact Us, Helpline या Support जैसे ऑप्शन मिलेंगे. आप इन पर क्लिक करके कंपनी का नंबर देख सकते हैं।
इसके अलावा वेबसाइट पर आपको ईमेल आईडी या लाइव चैट का ऑप्शन भी मिलता है। आप इन तरीकों से भी कंपनी से संपर्क कर सकते हैं। जिस कंपनी को लेकर आपको दिक्कत है उनके ऐप, रैपर या पैकेट पर भी कंपनी का हेल्पलाइन नंबर दर्ज होता है, सही से चेक करके नंबर वहीं से लें तो ज्यादा बेहतर। इस तरह के कॉल पर आप प्रोडक्ट को लेकर कॉल करते हैं, इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि प्रोडक्ट के अलावा कोई और जानकारी साझा न करें खासकर बैंक से जुड़ी जानकारी।
फ्रॉड हैं का सबसे बड़ा कारण होता है गलत लिंक पर क्लिक। आपको भी ऐसे कई मैसेज आते होंगे जिनमें लिखा होता होगा की बम्पर ऑफर या फिर अपने आर्डर को ट्रैक करने के लिए यहां क्लिक करें। इस तरह लिंक आपके अकाउंट को हैक करने के लिए बनाएं जाते हैं और जब आप इन लिंक पर क्लिक करते हैं तो आपके अकाउंट को हैक कर लिया जाता है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved