विदिशा। ट्रैक्टर ट्रालियों के व्यवसायिक उपयोग करने के विरोध में कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होंने बताया कि शहर में ट्रैक्टर ट्रालीओं का कमर्शियल उपयोग किया जा रहा है। ट्रालीयों मैं ओवरलोड सामान रखकर चलती है। ट्रालीयों के व्यवसायिक उपयोग करने से ट्रांसपोर्टरों का व्यवसाय ठप हो रहा है।
ट्रांसपोर्ट यूनियन की पूर्व अध्यक्ष संजय भंडारी ने बताया की सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में कई बार यह मुद्दा उठ चुका है ट्रैक्टर ट्राली व्यवसायिक उपयोग करना अनुचित है हम हमारी गाडयि़ों का टैक्स देते हैं बीमा कराते हैं जबकि बह लोग न बीमा कराते हैं ना ही कोई टैक्स देते हैं और धड़ल्ले से काम कर रहे हैं । इससे हमारे व्यवसाय को नुकसान हो रहा है। हमारे शिकायत करने के बावजूद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई आगे कभी विवाद की स्थिति बनती है इसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगई ।ट्रांस्पोर्ट एसोसिएशन ने बताया की इन ट्रैक्टर ट्राली का उपयोग कृषि कार्य में होना चाहिए लेकिन शहर में ट्रालीयों के व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा हैं। बड़ी.बड़ी ट्राली में डेढ़ सौ से ज्यादा माल भरकर चल रही है जिन पर प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा ।
हम व्यवसायिक काम करने वाले लोग सरकार को टैक्स देते हैं हमारी गाड़ी का बीमा और फिटनेस होती है जबकि इन लोगों के पास न फिटनेसए बीमा और न ही सर्टिफिकेट होता है सरकार को कोई टैक्स नहीं देते हैं। ट्रांसपोर्ट यूनियन ने कई बार प्रशासन से शिकायत की है लेकिन प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। कभी विवाद की स्थिति बनती है तो उसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
नहीं मिलती फुल सैलरी, 10 प्रतिशत देते हैं कम
नर्सिंग स्टाफ ने बुधवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है। जिसमें उन्होंने अपनी 14 सूत्रीय मांगों को पूरा करने की बात कही है। नर्सिंग स्टाफ का कहना है कि वह कई बार अपनी मांगें पूरी करने के लि ज्ञापन दे चुके हैं। लेकिन आज तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। नर्सिंग ऑफिसर एसोसिएशन की अध्यक्ष संध्या यादव ने बताया कि हमारी 14 सूत्रीय मांगे हैं। हमें सेकेंड ग्रेड मिलना चाहिए, पुरानी पेंशन बहाल होना चाहिए, जिन नर्सिंग ऑफिसर की नई भर्ती हो रही है। उनको वेतन पूरा नहीं दिया जा रहा है। कभी वेतन का 80 तो कभी 90 परसेंट दिया जा रहा है जो कि गलत है। हमारी मांग है कि उनको पूरा वेतन मिलना चाहिए। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष ने बताया की नर्सिंग स्टाफ के साथ शोषण किया जा रहा है। दूसरे लोगों को पूरी सैलरी दी जा रही है। जबकि नर्सिंग स्टाफ के साथ भेदभाव किया जा रहा है। अभी जो नई भर्ती हो रही है उनको पहले साल 70 से 80 परसेंट और तीसरे साल 90 परसेंट दिया जा रहा है। उन लोगों को पूरी सैलरी दी जाए। हमारी सरकार से मांग है कि नर्सिंग स्टाफ के लिए सेकेंड पे स्केल लागू किया जाए। हमारा नर्सिंग स्टाफ ऐसा है कि जो दिन रात काम करता है हम लोग छुट्टी के दिन भी काम करते हैं।
सेंटर पर नहीं खरीद रहे धान, डीएम से शिकायत
समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र पर धान की खरीदी नहीं होने के कारण किसान परेशान है। इसी को लेकर आज किसानों ने कलेक्टर से जल्द से जल्द तलाई की मांग की है। जिले में धान की समर्थन मूल्य खरीदी के लिए अलग.अलग केंद्र बनाए गए हैं। ऐसे ही एक ढोल खेड़ी चौराहे पर स्थित कोयल वेयरहाउस को खरीदी केंद्र बनाया गया है। लेकिन पिछले 4 दिनों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी नहीं होने से किसान परेशान है। दरअसलए किसानों ने अपनी उपज को बेचने के लिए समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए स्लॉट बुक कराया था। जिसमें उन्हें 12 दिसंबर से 14 दिसंबर तक का समय मिला था। जिसके कारण किसान रविवार से ही समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र पर पहुंच गए थे। लेकिन खरीदी केंद्र पर तुलाई नहीं होने के कारण किसान परेशान हंै।
जहां कोई न कोई बहाना बनाकर किसानों की धान नहीं तोली जा रहा है। इसकी को लेकर एक दर्जन से ज्यादा किसानों ने कलेक्टर से लाई की मांग की। किसान राजकुमार बघेल ने बताया कि धान की उपज बेचने के लिए उन्होंने नंबर बुक किया था। जिसकी तुलाई 12 से 14 दिसंबर तक होना था और इसलिए बह रविवार को समर्थन मूल्य खरीदी केंद्र आ गए। लेकिन वहां तुलाई नहीं होने से वह परेशान हैं। किसानों ने बताया कि उनके अलावा 50 से 60 किसान और ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर वहां खड़े हुए हैं। अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि मौके पर कोई भी कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है इसलिए मजबूरी में कलेक्टर के पास शिकायत लेकर आए।
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