नई दिल्ली: चीन का जासूसी जहाज युआन वांग 5 लगातार खबरों में बना हुआ है. इसे लेकर कल खबर आई थी कि वो हिंद महासागर क्षेत्र से बाहर निकल गया है. दरअसल, उसने 5 दिसंबर को हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश किया था और 12 दिसंबर को वो बाहर निकल गया. इस दौरान भारतीय नौसेना उस पर पैनी नजर रखे हुए थी. सामने आया है कि ये चीनी अंतरिक्ष गतिविधि को ट्रैक करने के मिशन पर था. जानकारी के अनुसार, युआन वांग 5 हैनान द्वीप पर सान्या बंदरगाह की ओर बढ़ रहा है. ये चीन के बैलिस्टिक मिसाइल परमाणु पनडुब्बी बेस का बंदरगाह है.
युआन वांग की लगातार गतिविधि से संकेत मिलता है कि पीएलए नौसेना हिंद महासागर में भविष्य की पनडुब्बियों के ऑपरेशन के लिए सुंडा और लोम्बोक स्ट्रेट की मैपिंग कर रही है. पिछले महीने युआन वांग 6 लोम्बोक स्ट्रेट के आसपास सर्वे कर रहा था और शंघाई पोर्ट पर लौटने से पहले बंगाल की खाड़ी से हिंद महासागर के दक्षिण पूर्व भारतीय हिस्से तक 5000 किमी लंबी 90 ईस्ट हिस्से तक नीचे चला गया.
हंबनटोटा बंदरगाह पर भी ठहरा था युआन वांग
शिप युआन वांग 5 अगस्त के महीने में श्रीलंका में चीन द्वारा लीज पर लिए गए हंबनटोटा बंदरगाह पर खड़ा था. हालांकि एक हफ्ते बाद वो वापस लौट गया था. इससे भारत और श्रीलंका के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया था. भारत ने इसका जमकर विरोध किया था. अतीत में कई लोगों ने हिंद महासागर में इन चीनी गतिविधियों को संभावना के रूप में खारिज कर दिया है, लेकिन साफ हो रहा है कि इसका मकसद ऑस्ट्रेलिया के पास सुंडा, लोम्बोक और ओम्बी-वेटर स्ट्रेट का उपयोग करते हुए परमाणु पनडुब्बी ऑपरेशन के लिए समुद्र तल का नक्शा बनाना है.
इंडोनेशियाई राष्ट्रपति से हुई थी जिनपिंग की मुलाकात
चीनी पनडुब्बियों को सतह पर आना होगा यदि वे दक्षिण चीन सागर से बंगाल की खाड़ी तक के सबसे छोटे मार्ग मलक्का स्ट्रेट का उपयोग करती हैं. और यही कारण है कि युआन वांग 5 हैनान द्वीप पर यूलिन पनडुब्बी बेस के पास सान्या बंदरगाह की ओर जा रहा है. मलक्का, सुंडा, लोम्बोक, ओम्बी-वेटर स्ट्रेट इंडोनेशिया के अधिकार क्षेत्र में हैं और यही कारण है कि विंटर ओलंपिक खेलों के बाद और चीन में कोविड महामारी के कारण इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जुलाई 2022 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने वाले पहले व्यक्ति थे. ये चीनी जहाज बैलिस्टिक मिसाइल और सैटेलाइट निगरानी में सक्षम है.
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