नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया की दूसरे नंबर की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी टीपीजी ने बुधवार को एक चौंकाने वाला खुलासा किया. जिसके बाद पूरे ऑस्ट्रेलिया में हड़कंप मच गया है. कंपनी के ग्राहकों में चिंता से ज्यादा डर का माहौल है. दरअसल टीपीजी ने बुधवार को बताया कि कंपनी की साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर कंपनी मैंडिएंट ने जानकारी दी है कि उस पर एक बड़ा साइबर अटैक हुआ है. इस अटैक के दौरान कंपनी के 15 हजार कस्टमर्स के ईमेल अकाउंट को हैक करने की कोशिश की गई है.
ये कस्टमर्स के कॉर्पोरेट अकाउंट्स थे और इस अटैक के जरिए हैकर्स कस्टमर्स की क्रिप्टोकरेंसी के साथ ही फाइनेंशियल इंफॉर्मेशन को हैक करने की कोशिश कर रहे थे. अब टीजीपी का कहना है कि इस अटैक के बाद कंपनी सतर्क हो गई है और इस हैक को रोकने के लिए तत्काल काम शुरू कर दिया गया था. इसके साथ ही उन सभी ग्राहकों से संपर्क किया जा रहा है जिनके खातों पर हैक की कोशिश की गई है.
इस हैक की सूचना के साथ ही कंपनी को एक और बड़ा झटका लगा है. टीजीपी के शेयर हैक की इस कोशिश के बाद 2.4 प्रतिशत तक गिर गए और 4.95 ऑस्ट्रेलियन डॉलर पर आ गए. हालांकि शेयर गिरने के संबंध में कंपनी ने कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. न ही कंपनी ने ये बताया है कि हैक के बाद उसके कस्टमर्स को किसी भी तरह का नुकसान हुआ है या नहीं.
ऑस्ट्रेलिया में टेलीकॉम कंपनियां हैकर्स के निशाने पर हैं. इससे पहले देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी टेल्स्ट्रा कॉर्प लिमिटेड को भी एक डेट ब्रीच का सामना करना पड़ा था. इस दौरान हैकर्स ने 2017 तक के करीब 30,000 कर्मचारियों के डेटा को निशाना बनाया था. इस हैक के दौरान उन लोगों को भी निशाना बनाया गया था जो कंपनी में काम नहीं कर रहे थे.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार ऑस्ट्रेलिया की कंपनियां लगातार साइबर हमलों का शिकार हो रही हैं और इसमें तेजी से भी देखने को मिली है. एक रिपोर्ट के अनुसार साइबर अपराधियों ने पिछले फाइनेंशियल ईयर में लगातार कंपनियों को निशाना बनाया और हमलों में बड़ा उछाल देखने को मिला है. नवंबर में जारी इस रिपोर्ट के अनुसार हर 7 मिनट में किसी न किसी ऑस्ट्रेलियाई कंपनी को निशाना बनाया जा रहा है.
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