नई दिल्ली: तवांग में हुई खूनी झड़प के बाद पूर्वी कमांड के सभी एयरफोर्स बेस अलर्ट हो गए हैं. सेना को भी अलर्ट भेजा गया है. 9 दिसम्बर की घटना से सबक लेते हुए नॉर्थ ईस्ट के सेना से जुड़े कई हिस्सों को स्टैंडबाई मोड पर रखा गया है. ये ऐसे हिस्से हैं जो चीन से लड़ने के लिए तैयार हैं.
अगर चीन कोई हमला करता है तो मुकाबला करने के लिए सेना पूरी तरह मुस्तैद है. हालांकि, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा है कि तवांग में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच फ्लैग मीटिंग की गई.
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सिलीगुड़ी: पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में बने S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है. यह एक रूसी एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है, जो आसमान में दुश्मन के एयरक्राफ्ट को निशाना लगा सकता है. यह क्रूज, एयरक्राफ्ट और बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने में पूरी तरह से सक्षम है. यह रूस के ही S-300 का अपग्रेडेड वर्जन है. एस-400 एक राउंड में 36 वार करता है. इसे सीमा सुरक्षा करने और हमले का खतरा घटाने के लिए सेना में शामिल किया गया था.
तेजपुर: असम के तेजपुर में SU-30 फाइटर प्लेन को भी स्टैंडबाई पर रखा गया है. इसका निर्माण हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने किया है. यह सुखोई-30 एमकेआई (Su-30MKI) फाइटर जेट और सुखोई सू-27 का अपग्रेडेड वर्जन हैं. इसकी अधिकतम गति 2120 किलोमीटर प्रतिघंटा है. SU-30 फाइटर प्लेन अधिकतम 56,800 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. इसमें 30mm की एक ग्रिजेव-शिपुनोव ऑटोकैनन लगी है, इसकी मदद से एक मिनट में 150 राउंड फायर किए जा सकते हैं. इसके अलावा इसमें 12 हार्ड प्वाइंट्स हैं जिसमें हथियार लगा सकते हैं. सुखोई-30 में 3 तरह के रॉकेट्स और चार तरह की मिसाइल लगाई जा सकती हैं.
हाशीमारा राफेल फाइटर बेस: पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले में बने हासीमारा वायु सेना स्टेशन खासतौर पर चीन सेना की निगरानी के लिए है. 1962 के भारत चीन की जंग के बाद इसे बनाया गया. भारतीय वायुसेना ने सीमा पर निगरानी की ताकत बढ़ाने के लिए पिछले साल ईस्टर्न एयर कमांड में राफेल लड़ाकू विमान का दूसरे स्क्वॉड्रन की तैनाती हुई थी. राफेल की तैनाती के बाद यहां भारत की ताकत बढ़ी है. राफेल एक तकतवर फाइटर विमान है. यह अत्याधुनिक हथियारों और मिसाइलों से लैस है.
पूर्वी कमांड: खूनी झड़प के बाद पूर्वी कमांड के सभी एयरफोर्स बेस में अलर्ट जारी किया गया है. चीनी हमला होने की स्थिति में यहां से सीधे एक्शन लेने की तैयारी है.
L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन की तैनाती
चीनी हमले की आशंका को देखते हुए L-70 एंटी-एयरक्राफ्ट गन की तैनाती की गई है. यह ऐसी एयर डिफेंस गन है जो मानवरहित वाहन, जंगी विमान, हेलिकॉप्टर और आधुनिक विमानों को निधाना बनाने में सक्षम है. मौसम कोई भी हो यह लक्ष्य पर सटीक निशाना साधने में माहिर है.
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