नई दिल्ली: चीन की एक और नई चाल का खुलासा हुआ है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीनी सेना ने अपने खुफिया विंग में नेपाली और तिब्बतियों मूल के लोगों की भर्ती शुरू की हैं. ऐसे नेपाली और तिब्बती जिन्हे हिंदी आती हो. इसके पीछे का मकसद भारतीय सेना के पकड़े गए वायरलैस मैसेज तथा अन्य खुफिया मैसेज को सुन कर उन्हे समझाना.
चीन और भारत के संबंध गलवान हिंसा के बाद काफी खराब हुए हैं. कई दौर की बातचीत के बाद एलएसी पर हालात सामान्य सुधारने की दिशा में काम हो रहा था कि नौ दिसंबर को पीएलए (चीनी सेना) ने अरुणाचल के तवांग में घुसपैठ की कोशिश की, जिसे भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया. अब चीन की नई साल का पर्दाफाश हुआ है.
चीन के लोगों को अपने स्वदेशी भाषा के अलावा अन्य भाषाएं नहीं आती. इसके कारण उनको परेशानी उठानी पड़ती है. अब चीन की खुफिया विंग में नेपाली और तिब्बती लोगों की भर्ती की जा रही है जिसके लिए सबसे अनिवार्य शर्त है कि उनको हिंदी आनी चाहिए. ताकि वो भारतीय सेना के मैसेज को आसानी से समझ सके. चीनी सेना के लोग कई बार मैसेज तो पकड लेते है लेकिन उनकी समझ मे देर से आते है.
भारतीय मैसेज को डिकोड करने के लिए भर्ती
भर्ती किए जाने वाले लोग तत्काल उन मैसेजो को सुन कर उन्हे समझायेंगें जिससे वे एक्शन ले सके. भर्ती का मकसद भारतीय सेना के ग्रुप की बातें सुनकर उन्हें चीनी सेना को बताना हैं. कई बार भारतीय ग्रुप यह सोचता है कि गांव का जो तिब्बती या नेपाली है उसे हिंदी समझ मे नहीं आती. चीनी सेना यह भर्ती तिब्बत आटोनेमस रिजन टीएआर में कर रही है. भर्ती किए गए सारे लोग भारत से सटे बार्डर इलाको में रहेंगे. यह इलाका नेपाल से लेकर लद्दाख तक आता है.
राजनाथ सिंह ने संसद में दिया जवाब
9 दिसंबर को पेट्रोलिंग के दौरान दोनों देशों की सेनाओं में झड़प हो गई. इसमें दोनों तरफ के जवानों को मामूली चोटें आई हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में बताया कि इसमें किसी तरह की जनहानि नहीं है न ही कोई सैनिक गंभीर रूप से घायल हुआ है. गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि जब तक देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार है तब तक कोई एक इंच भी जमीन पर कब्जा नहीं कर सकता. अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प की पृष्ठभूमि में उन्होंने यह बात कही. संसद में विपक्ष ने इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की.
कांग्रेस ने किया वॉकआउट
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को संसद को बताया कि चीन के सैनिकों ने नौ दिसंबर को तवांग सेक्टर में यांग्त्से क्षेत्र में यथास्थिति बदलने का एकतरफा प्रयास किया जिसका भारत के जवानों ने दृढ़ता से जवाब दिया और उन्हें लौटने के लिए मजबूर किया. रक्षा मंत्री के बयान पर स्पष्टीकरण की अनुमति नहीं मिलने के बाद कांग्रेस का राज्यसभा से वाकआउट किया.
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