इंदौर। इंदौर (Indore) एमजीएम मेडिकल काॅलेज (MGM Medical College) में पांच माह पहले हुई रैगिंग (ragging) का केस पुलिस ने एक लेडी कांस्टेबल (lady constable) की मदद से सुलझा लिया। संयोगितागंज थाने (Sanyogitaganj police station) की आरक्षक शालिनी चौहान को इसके लिए मेडिकल छात्रा की भूमिका निभाना पड़ी। शालिनी वर्दी के बजाए जिंस, टाॅप पहकर कंधे पर बैग टांगे काॅलेज के कैटिंग मेें जाती थी और रैगिंग करने वाले आरोपी छात्रों के सबूत जुटा कर थाने लाती थी।
मिलनसार स्वभाव और खुशमिजाज छात्रा की भूमिका में रहकर उनसे कई जूनियर छात्रों से दोस्ती कर ली। इसके बाद रैगिंग करने वाले छात्रों का पता लगाया। पुलिस ने 11 सीनियर छात्रों के खिलाफ केस दर्ज किया। काॅलेज प्रबंधन ने भी उन छात्रों को निलंबित कर दिया हैै।
शालिनी संयोगितागंज थानेे पर पदस्थ है। उनके पुलिसकर्मी पिता का पिछले साल निधन हो गया था। उनके स्थान पर शालिनी को पुलिस विभाग में नौकरी लगी। संयोगितागंज थाना प्रभारी तहजीब काजी ने बताया कि एक छात्र ने यूजीसी की वेबसाइट पर काॅलेज में रैगिंग होने की शिकायत की थी, लेकिन रैगिंग करने वाले सीनियरों के नाम नहीं बताए थे। इसके बाद काॅलेज प्रशासन ने 24 जुलाई को थाने में अज्ञात छात्रों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। आरोपी छात्र रैगिंग की आड़ में जूनियरों से अश्लील हरकतें भी करते थे।
तहजीब काजी ने बताया कि आरोपियों को पता लगाने के लिए हमने कई छात्रों से पूछताछ की, लेकिन कोई भी नाम बताने के लिए तैयार नहीं था। इसके बाद हमने इस केस को सुलझाने की जिम्मेदारी शलिनी चौहान को दी। वे एक छात्रा के किरदार में काॅलेज जाती थी और जूनियरों से बातें कर रैगिंग करने वाले 11 छात्रों की जानकारी जुटाई। इसके बाद यह केस सुलझ गया और आरोपी छात्रों के नाम हमें पता चल गए।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved