लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने राज्य के सरकारी स्कूलों के लिए (For Government Schools) चेहरे की पहचान आधारित (Facial Recognition Based) शिक्षक और छात्र उपस्थिति (Teacher and Student Attendance) निगरानी प्रणाली (Monitoring System) शुरू की (Launched) । कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित उपस्थिति निगरानी प्रणाली पहले ही शुरू की जा चुकी है।
स्कूली शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने कहा, फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी (एफआरटी) का दो गुना उद्देश्य होगा। सबसे पहले, यह उन शिक्षकों को प्रोत्साहित करने में मदद करेगा, जिनके कक्षा के लेनदेन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में गेम-चेंजर के रूप में उभरे हैं। दूसरे, एफआरटी प्रॉक्सी शिक्षकों, छात्रों के डुप्लीकेशन के एक प्रमुख मुद्दे को सुलझाएगा और हमें हेडकाउंट देगा।
तकनीक वर्तमान में गुजरात में चालू है। इससे पहले, यूपी शिक्षा विभाग ने कर्मचारियों की उपस्थिति को चिह्न्ति करने और उन्हें उनके वेतन का भुगतान करने के लिए एक ‘सेल्फी’ योजना शुरू की थी। एक अधिकारी ने कहा, सेल्फी स्कूल परिसर के बाहर से अपलोड की गई थीं और हम उनके स्थान को ट्रैक नहीं कर सकते थे। उन्नत प्रेरणा ऐप केवल छात्रों और शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करेगा, जब वे स्कूल रेंज में होंगे।
एफआरटी के लिए, उपयोगकर्ताओं को अपने 10 अंकों के मोबाइल नंबर (आमतौर पर केजीबीवी के मामले में वार्डन की संख्या) के साथ पंजीकरण करना होगा और एक पिन जनरेट करना होगा। इस पिन का उपयोग करते हुए, केजीबीवी के वार्डन कैमरों का उपयोग स्कूल परिसर की तस्वीरें लेने और शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों के चेहरों को पकड़ने के लिए करेंगे।
बड़े पैमाने पर छह लाख शिक्षकों और कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी स्कूलों में 1.92 करोड़ छात्रों के नामांकन के साथ, उत्तर प्रदेश को उनकी उपस्थिति की निगरानी में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। राज्य में 746 केजीबीवीएस में करीब 80,000 छात्र नामांकित हैं। उन्नत प्रेरणा ऐप वर्तमान में 702 केजीबीवी में स्थापित है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved