कोलकाता । प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारियों (Officials) को तृणमूल कांग्रेस के विधायक (TMC MLA) और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) के पूर्व अध्यक्ष (Former President) माणिक भट्टाचार्य के भाई के बयानों से (From Manik Bhattacharya’s Brother’s Statements) कई महत्वपूर्ण सुराग (Many Important Clues) मिले (Got) । जिनका उपयोग ईडी अपने मामले को मजबूत बनाने के लिए कर रही है।
पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रहे ईडी के सूत्रों ने कहा कि हाल ही में उनके अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान उनके भाई और उसकी पत्नी से कुछ बैंक खातों के संबंध में कथित रूप से घोटाले की कार्यवाही को डायवर्ट करने के लिए इस्तेमाल किए जाने के संबंध में पूछताछ की। उन्होंने इस मामले में घसीटने के लिए गुमराह करने का आरोप लगाया है।
हालांकि भट्टाचार्य के दो भाई हैं, लेकिन आगे की जांच के लिए ईडी के अधिकारी उस व्यक्ति का नाम लेने से बचते रहे जिससे उन्होंने उनकी पत्नी के साथ पूछताछ की थी। ईडी ने कहा कि हमारे अधिकारियों ने सबसे पहले उस भाई की पत्नी से पब्लिक सेक्टर के बैंक में छह बैंक खातों के बारे में पूछताछ की जिनमें करोड़ों रुपये जमा किए गए थे और 2020 में एक विशिष्ट अवधि के भीतर निकाले गए थे।
ईडी के एक अधिकारी ने कहा, महिला हैरान थी और उसने दावा किया कि उसे इन बैंक खातों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, शायद ये खाते उसके जाली हस्ताक्षर से खोले गए थे। पूछताछ के दौरान उनके पति और भट्टाचार्य के उस भाई ने केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को एक संभावित सुराग दिया कि जालसाजी कैसे की गई थी। उन्होंने कहा कि उनके बड़े भाई ने कुछ साल पहले उन्हें विदेश भेजने और उनके पासपोर्ट की व्यवस्था करने का वादा किया था। आवेदन उद्देश्यों के लिए उनके पैन कार्ड, आधार कार्ड और ईपीआईसी कार्ड की प्रतियां और एक कोरे कागज पर उनके हस्ताक्षर भी लिए थे।
सूत्रों ने कहा कि उसके भाई की पत्नी ने बताया कि उसका अपने पति के साथ दक्षिण कोलकाता के जादवपुर इलाके में एक अन्य सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक में ज्वाइंट अकाउंट था, जिसके दस्तावेज पासबुक सहित भट्टाचार्य द्वारा जबरदस्ती लिए गए थे। इसके बाद उन्होंने उन्हें बताया था कि उस खाते में कुछ खामी थी इसलिए उसे बंद कर दिया गया है। ईडी ने 7 दिसंबर को कोलकाता में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की एक विशेष अदालत में एक सप्लीमेंट्री चार्जशीट पेश की है, जिसमें उसने भट्टाचार्य, उनकी पत्नी सतरूपा भट्टाचार्य और बेटे सौविक भट्टाचार्य को नामजद किया है।
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