नई दिल्ली: सरकार ने ट्रेड इकाइयों, बैंकों को अन्य देशों के साथ रुपये में व्यापार करने की सुविधा देने के लिए ज्यादा अवसर तलाश करने को कहा है. इनमें मॉरीशिस, रूस और श्रीलंका भी शामिल हैं. इस खबर की जानकारी पीटीआई ने अपने स्रोतों के हवाले से दी है. भारतीय बैंकों ने इन तीन देशों के बैंकों के साथ स्पेशल वॉस्ट्रो रूपी अकाउंट्स (SVRA) खोले हैं, जिनकी मदद से रुपये में व्यापार करने का रास्ता खुल गया है.
बैंक ने खोले स्पेशल अकाउंट्स
एसबीआई मॉरीशिस लिमिटेड और पीपल्स बैंक ऑफ श्रीलंका ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के साथ एक SVRA खोला है. बैंक ऑफ Ceylon ने चैन्नई में अपनी भारतीय सब्सिडरी में अकाउंट भी खोला है. वहीं, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने Ros बैंक रशिया में स्पेशल रूपी अकाउंट खोला है. वहीं, चैन्नई में आधारित इंडियन बैंक ने तीन श्रीलंका के बैंकों के ऐसे अकाउंट्स खोले हैं, जिनमें कोलंबो में आधारित NDB बैंक और Seylan बैंक शामिल हैं.
इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने जुलाई में इंडियन करेंसी में इंटरनेशनल ट्रेड की अनुमति दी थी. माना जा रहा है कि इससे हर साल 30-36 बिलियन डॉलर की बचत होगी. इसके अलावा कई देशों से इस तरह के व्यापार के दायरे का विस्तार होगा. रुपए में ट्रेड होने के कारण एक्सचेंज रेट पर इसका सकारात्मक असर होगा और रुपए में मजबूती आएगी.
RBI ने रुपये में दी इंटरनेशनल ट्रेड की इजाजत
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों से कहा था कि भारतीय रुपए में बिल बनाने, भुगतान और आयात-निर्यात सौदों को संपन्न करने के अतिरिक्त इंतजाम रखें. भारत से निर्यात बढ़ाने और रुपए में वैश्विक कारोबारी समुदाय की बढ़ती रुचि को देखते हुए यह कदम उठाया गया है. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि इस व्यवस्था से रुपए पर दबाव कम होगा क्योंकि आयात के लिए डॉलर की मांग नहीं रह जाएगी.
माना जा रहा है कि बहुत जल्द रूस, ईरान और श्रीलंका जैसे देशों से रुपए में इंटरनेशनल ट्रेड होगा. रूस के साथ हालिया व्यापार की बात करें तो चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीने यानी अप्रैल और मई में भारत ने रूस को 0.25 बिलियन डॉलर का निर्यात किया, जबकि 5.03 बिलियन डॉलर का आयात किया. इस समय भारत रूस से बड़े पैमाने पर आयात कर रहा है.
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