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हार्ट अटैक के बाद ऐसे रखें अपना ख्‍याल, वरना बढ़ सकता है डिप्रेशन का खतरा

  • April 11, 2025

    नई दिल्‍ली। हार्ट से संबंधित बीमारी सिर्फ शरीर को ही कमजोर नहीं करती बल्कि ब्रेन पर भी नकारात्‍मक प्रभाव डालती है. हार्ट अटैक (Heart Attack) एक गंभीर समस्‍या है जिसके बाद कई तरह की जटिलताएं शुरू हो जाती हैं. ऐसे में लोगों को डिप्रेशन का अधिक खतरा होता है, जो व्‍यक्ति के हार्ट हेल्‍थ को और भी अधिक जटिल बना सकता है. हार्ट डिजीज या हार्ट अटैक किसी भी उम्र में हो सकता है इसलिए इसके लक्षणों को रिवर्स करने के लिए लाइफस्‍टाइल में सकारात्‍मक बदलाव करना बेहद जरूरी है. खुद को अकेला और कमजोर मानकर भावनात्‍मक रूप से कमजोर होने से डिप्रेशन (depression) मेंटल प्रॉब्‍लम का कारण बन सकता है. चलिए जानते हैं हार्ट अटैक के बाद किस प्रकार मेंटल हेल्‍थ को सुधारा जाए.

    हार्ट अटैक के बाद लाइफ में बदलाव
    हार्ट अटैक के बाद यदि व्‍यक्ति असहज और पहले जैसा एनर्जेटिक महसूस नहीं कर रहा है, तो ये एक सामान्‍य स्थिति हो सकती है. क्‍लीवलैंड क्‍लीनिक के अनुसार हार्ट अटैक के बाद लाइफ को सुचारू रूप से चलाना बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है और इसे समायोजित करने में कुछ समय भी लग सकता है. हार्ट प्रॉब्‍लम के बाद उदासी, थकान और चिंता होना स्‍वाभाविक है लेकिन इस इस स्थिति से उभरना बेहद जरूरी है. यदि ऐसा नहीं होता है तो डिप्रेशन और अन्‍य मेंटल प्रॉब्‍लम (mental problem) की शुरुआत हो सकती है. जो हार्ट पर प्रेशर बढ़ा सकती है.


    हार्ट अटैक: कैसे करता है मेंटल हेल्‍थ को प्रभावित
    कई अध्‍ययनों से पता चलता है कि जो लोग हार्ट डिजीज के साथ जी रहे हैं उनमें डिप्रेशन होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है. डिप्रेशन के साथ रहना आपके हार्ट हेल्‍थ (heart health) के लिए हानिकारक हो सकता है. अधिक तनाव और चिंता लाइफ क्‍वालिटी पर प्रभाव डालती है और उसे पूरी तरह से डैमेज कर सकती है. डिप्रेशन की वजह से हाई ब्‍लड प्रेशर बढ़ सकता है और इम्‍यून सिस्‍टम को कमजोर कर सकता है. डिप्रेशन से एक और हार्ट अटैक पड़ने या ब्‍लड क्‍लॉट होने का खतरा बढ़ सकता है. आमतौर पर डिप्रेशन खाने की खराब आदतों, धूम्रपान, शराब और अनहेल्‍दी लाइफस्‍टाइल के कारण हो सकता है जो हार्ट हेल्‍थ को भी प्रभावित करता है.

    कैसे करें मेंटल हेल्‍थ की देखभाल
    – खुद को खुश रखने के लिए प्रतिदिन तैयार रहें.
    – स्‍ट्रेस मैनेजमेंट और रेलेक्‍सेशन टेक्‍नीक पर फोकस करें.
    – नियमित रूप से वॉक करें.
    – हॉबीज और सोशल एक्टिविटीज को इंज्‍वॉय करें.
    – अपनी भावनाओं को फ्रेंड्स और फैमिली के साथ शेयर करें.
    – मेंटल पीस के लिए किसी भी कम्‍यूनिटी को ज्‍वॉइन करें.
    – कभी भी अकेले न बैठें.
    – मेडिटेशन करें.

    हार्ट अटैक के बाद लाइफ में कई तरह के बदलाव आते हैं लेकिन खुद को चिंता और तनाव में डालने की बजाय आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए.

    नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सूचना सामान्य उद्देश्य के लिए दी गई है। हम इस पर किसी भी प्रकार का दावा नही करतें हैं ।

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