भोपाल। रेल यात्री अब सफर के दौरान ट्रेन में बुंदेली व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे। रेलवे बोर्ड ने आईआरसीटीसी को क्षेत्रीय व्यंजन अपने मेन्यू में शामिल करने की इजाजत दे दी है। बोर्ड ने नए मेन्यू में मधुमेह रोगियों समेत शिुश आहार भी परोसने की इजाजत दी है। अगले कुछ माह के भीतर ही यह बदलाव लागू कर दिए जाएंगे। दरअसल, रेलवे की खानपान सूची में यात्रियों के मनमाफिक नाश्ता और भोजन शामिल नहीं रहता। इस वजह से सफर के दौरान यात्रियों को परेशान होना पड़ता है। इस सेवा को बेहतर बनाने के लिए बोर्ड यात्रियों की मांग के आधार पर नई सूची तैयार कर रहा है। आइआरसीटीसी को इसका जिम्मा दिया गया है। खास बात यह है कि क्षेत्रीय व्यंजन भी इसमें जोड़े जा रहे हैं। इससे बुंदेली व्यंजन भी अब सफर का हिस्सा बनेंगे। यात्रियों की थाली में महेरी, मीना, (बेसन में हींग डालकर बनने वाला व्यंजन), महुआ की खीर, कठिया गेहूं की दलिया, चने की दाल, दाल वाली कचौरी उड़द दाल का बड़ा समेत खास बुंदेलखंड की मिठाई एवं नमकीन शामिल हो सकेंगे।
सुविधा बढ़ेगी, मूल्य में नहीं होगी बढ़ोतरी
जिन ट्रेनों में खानपान शुल्क यात्री किराए में शामिल है उनमें मूल्य बढ़ोतरी नहीं होगी। इनमें सूची के आधार पर दिए जाने वाले खानपान एंव ब्रांडेड खाघ पदार्थों की बिक्री की अनुमति रहेगी। इनके दाम एमआरपी से अधिक नहीं होंगे। लोकप्रिय जनता भोजन के मूल्य में बदलाव नही होगा। मधुमेह रोगियों एवं शिशु आहार भी मांग पर ट्रेन में ही उपलब्ध कराया जाएगा।
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