नई दिल्ली। दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) में यमुनापार मतदान में अव्वल रहा है। वहीं, पॉश कॉलोनियों में रहने वाले एक बार फिर फिसड्डी साबित हुए हैं। ग्रामीण इलाके (rural areas) जरूर मतदान में शहरी इलाकों से आगे (ahead of urban areas in voting) रहे, लेकिन मतदान को लेकर वहां उत्साह दिखाई नहीं दिया है। वहीं, दंगा प्रभावित इलाकों (riot affected areas) में भी मतदाता घरों से निकले। दिल्ली में सबसे अधिक मतदान करने वाले 10 वार्डों में से सात यमुनापार के हैं, जहां 60 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है। बाकी तीन वार्ड बाहरी दिल्ली के बख्तावरपुर, कझावला द्वारका-सी वार्ड आते हैं। वहीं, दक्षिणी दिल्ली व मध्य दिल्ली के एक भी वार्ड इसमें शामिल नहीं है।
राज्य चुनाव आयोग (state election commission) ने सोमवार देर शाम वार्डवार मतदान को लेकर आंकड़े जारी किए। दिल्ली में कुल 50.48 फीसदी मतदान हुआ है। सबसे अधिक बख्तावरपुर वार्ड में 65.72 फीसदी हुआ है, जबकि पॉश इलाके एंड्रयूजगंज में सिर्फ 33.74 फीसदी मतदान हुआ है। यमुनापार के दो जिले पूर्वी व उत्तर-पूर्वी जिले में कुल 60 वार्ड हैं, जहां सात वार्ड में 60 फीसदी और बाकी 30 से अधिक वार्ड पर 55 फीसदी से अधिक मतदान है। वहीं दक्षिणी दिल्ली के चिराग दिल्ली, ग्रेटर कैलाश, लाजपत नगर जैसे वार्ड की बात करें वहां पर 40 से 50 फीसदी के बीच ज्यादा मतदान हुआ है।
48 वार्ड पर महिलाओं का मत प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा
एमसीडी में 50 फीसदी वार्ड महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है। इसी का असर है कि मतदान में महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया है। दिल्ली में कुल 50.48 फीसदी मतदान हुआ है। इसमें 51.03 पुरुष, जबकि 49.83 फीसदी महिलाओं ने मतदान किया है। इससे इतर दिल्ली के 48 से अधिक वार्ड हैं, जहां पुरुष मतदाताओं का मत प्रतिशत महिला मतदाताओं के मत प्रतिशत से कम है। खास बात की इसमें ग्रामीण इलाके के होलंबी कला, बुराड़ी, तिमारपुर, मुकुंदपुर जैसे गांव के वार्ड शामिल हैं। सरिता विहार, मंडावली, आईपी एक्सटेंशन जैसे वार्ड भी जहां कुल पुरुष व महिला मतदाता में महिलाओं का मत करने का प्रतिशत पुरुषों की तुलना में ज्यादा है।
इन इलाकों में भी वोटरों ने उत्साह दिखाया
विधानसभा चुनावों के बाद उत्तर-पूर्वी जिले में मतदाताओं का गुस्सा निगम चुनाव में नजर आ रहा है। यहां मुस्लिम बहुल होने के साथ दंगा प्रभावित 6 वार्ड चौहान बांगर, सीलमपुर, मुस्तफाबाद, बृजपुरी कर्दमपुरी और नेहरू विहार वार्ड है, जहां पर 60 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है। नेहरू विहार वह वार्ड है, जहां दंगा आरोपी ताहिस हुसैन पार्षद भी रहा है। इसके उलट अगर ओखला, जाकिर नगर, अबु फजल एनक्लेव, बल्ली मरान, दिल्ली गेट जैसे वार्ड को देखे तो यहां पर मतदाताओं ने मतदान में बहुत उत्साह नहीं दिखाया है। यहां सभी जगह 45-55 फीसदी के बीच ही मतदान हुआ है।
एग्जिट पोल पर राजनीतिक दलों ने साधी चुप्पी
दिल्ली नगर निगम चुनाव को लेकर आएं एग्जिट पोल पर राजनीतिक दलों ने चुप्पी साध रखी है। एग्जिट पोल में एक पार्टी को सीधा समर्थन मिलने के बाद भी इसपर कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। नेताओं का कहना है कि हम मतगणना तक का इंतजार करेंगे। बताते चले एमसीडी चुनावों को लेकर अलग-अलग एग्जिट पोल से साफ है कि इस बार आम आदमी पार्टी को फायदा होता दिख रहा है।
एमसीडी में इस बार परिवर्तन लगभग तय है। मगर मतदाताओं की चुप्पी व मतदाताओं को वोटिंग ट्रेंड को देखते हुए नेता बिना मतगणना के कोई भी बड़ा दावा करने से बच रहे है। आम आदमी पार्टी के एक नेता ने बस इतना कहा कि परिवर्तन तय है। हालांकि उन्होंने एग्जिट पोल पर कुछ और बोलने से मना कर दिया है। एमसीडी चुनाव को लेकर दिल्ली में 7 दिसंबर को मतगणना है। दिल्ली में कुल 42 जगहों पर मतगणना की जाएगी।
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