नई दिल्ली । मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Lok Sabha Seat) पर आज उपचुनाव (by-election) है। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की तरफ से डिंपल यादव (dimple yadav), जबकि भाजपा ने सपा के ही पूर्व सांसद और विधायक रघुराज सिंह शाक्य को मैदान में उतारा है। दोनों के बीच कड़ी लड़ाई बताई जा रही है। डिंपल के लिए ये चुनाव जीतना पारिवारिक प्रतिष्ठा का सबब बन चुका है। यही कारण है कि अपनी पत्नी के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने जोरशोर से प्रचार-प्रसार किया।
खैर, आज हम आपको डिंपल यादव के बारे में बताएंगे। डिंपल कन्नौज से दो बार सांसद चुनी जा चुकी हैं, जबकि दो चुनाव में हार का भी सामना करना पड़ चुका है। 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान डिंपल ने कन्नौज से चुनाव लड़ा था, तब उन्हें भाजपा के सुब्रत पाठक ने हराया था।
डिंपल ने चुनावी हलफनामे में अपनी संपत्ति का ब्योरा दिया है। इसके मुताबिक उनके पास लखनऊ और सैफई में जमीन है। पिछले साढ़े दस महीने में उनकी संपत्ति घटी है। आइए जानते हैं कि डिंपल ने हलफनामे में क्या-क्या बताया है?
पहली बार घटी डिंपल-अखिलेश की संपत्ति
2022 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने अपनी कुल संपत्ति 40 करोड़ 14 लाख से ज्यादा बताई थी। साढ़े दस महीने बाद ये घटकर 39 करोड़ 91 लाख 50 हजार 416 रुपये हो गई है। 2004 से अब तक अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने जितनी बार चुनावी हलफनामा दायर किया हर बार उनकी संपत्ति में इजाफा हुआ। पहली बार ऐसा हो रहा है जब डिंपल-अखिलेश की संपत्ति में कमी आई है।
इस हलफनामे के मुताबिक डिंपल के पास सवा लाख का कंप्यूटर, करीब साठ साल के गहने तो हैं लेकिन कार या बाइक नहीं है। इसी तरह अखिलेश के नाम पर 76 हजार का फोन करीब साढ़े पांच लाख की व्यायाम मशीन है लेकिन उनके नाम पर भी कोई गाड़ी नहीं है।
लाखों के गहने, लखनऊ-सैफई में जमीनें
डिंपल के पास करीब 60 लाख रुपये के गहने हैं। इसमें सोने, चांदी, हीरे और मोती के आभूषण शामिल हैं। इसके अलावा लखनऊ और सैफई में डिंपल के नाम जमीनें भी हैं। डिंपल ने 1993 में आर्मी पब्लिक स्कूल, लखनऊ से हाईस्कूल की पढ़ाई की है। इसके बाद 1995 में इंटरमीडिएट और 1998 में बीकॉम की डिग्री ली। 2012 और फिर 2014 में दो बार डिंपल कन्नौज लोकसभा सीट से सांसद चुनी जा चुकी हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved