भोपाल। राज्य वन सेवा के अफसरों का आईएफएस बनने का सपना दागी अधिकारियों के कारण अधर में लटका हुआ है। जो अफसर आईएफएस बनने की कतार में हैं वे परेशान हैं और वहीं जिन दागी अफसरों के कारण डीपीसी नहीं हो पा रही है वे अपना दाग धुलवाने के लिए वन मुख्यालय की परिक्रमा कर रहे हैं। दागी अफसरों की वजह से राज्य वन सेवा से भारतीय वन सेवा के लिए होने वाली डीपीसी इस साल के अंत तक हो पाएगी या नहीं, इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। जानकारी के अनुसार राज्य वन सेवा के 9 अफसरों को आईएफएस पद के लिए डीपीसी होना है। इस डीपीसी को लेकर यूपीएससी ने राज्य शासन से कई जानकारियां मांगी हैं। इसमें दागी अफसरों की कुंडलियां भी शामिल है। सूत्रों के अनुसार किसी की एसीआर खराब है तो किसी के खिलाफ कई गंभीर आरोप भी हैं। डीपीसी को लेकर यूपीएससी द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देने से राज्य शासन हिचकिचा रहा है। अगर दिसंबर के मध्य तक यूपीएससी द्वारा पूछी गई जानकारियों का उत्तर शासन द्वारा नहीं भेजा जाता है तो इस साल होने वाली डीपीसी टल सकती है। इसके पहले भी राज्य वन सेवा से अखिल भारतीय वन सेवा के लिए होने वाली डीपीसी टलती रही है। इस बीच आईएफएस बनने की कतार में खड़े दागी अफसर अपना दाग धोने के लिए मुख्यालय के सीनियर अफसरों की परिक्रमा कर रहे हैं।
कईयों का लिफाफा बंद
प्रदेश में आईएफएस बनने की चाह रखने वाले राज्य वन सेवा के किसी अधिकारी पर आरोप है तो किसी की एसीआर खराब है। इस कारण कईयों का लिफाफा बंद हो गया है। आईएफएस बने की कतार में खड़े गंधू सिंह धुर्वे पर बहुचर्चित बालाघाट टीपी कांड से लेकर कई गंभीर आरोप हैं। इसी प्रकार रामकुगर अवधिया लंबे समय से आरोपों से घिरे हुए हैं। काशीराम जाधव के खिलाफ शास्ति अधिरोपित किया गया है। यही वजह है कि पिछली डीपीसी में भी इनके नाम क्लियर नहीं हो पाए थे। पिछली डीपीसी में गंभीर आरोपों के चलते ही सीमा द्विवेदी का लिफाफा बंद किया गया था। इस बार मुख्यालय में बैठे शीर्षस्थ अधिकारियों की मेहरबानी से बंद लिफाफा खोलने की तैयारी चल रही है, जबकि इंद्र सिंह गडरिया मामला भी बड़ा दिलचस्प है, यह जब बैतूल में पदस्थ थे, तब महिला अधिकारी के खिलाफ अभद्र व्यवहार किया था, उनके इस कृत्य से नाराज तत्कालीन सीसीएफ एचयू खान ने एसीआर बिगाड़ दी थी। जिस महिला अफसर से गडरिया का विवाद हुआ था। सूत्रों ने बताया कि शीर्ष अधिकारियों को मैनेज कर उसने अपनी एससीआर सुधरवा ली है और अब वे आईएफएस की दौड़ में शामिल हो गए हैं। विद्या भूषण मिश्रा भी मुख्यालय में सीनियर अधिकारियों की परिक्रमा कर रहे हैं। इनके खिलाफ पूर्व सीसीएफ शहडोल पीके वर्मा ने आरोप पत्र जारी किया था, जिसे वर्तमान सीसीएफ शहडोल ने क्लीन चिट दे दिया है। मुख्यालय से क्लीनचिट का प्रमाण पत्र नहीं किया गया है। आईएफएस की दौड़ में प्रियंका चौधरी भी शामिल है। प्रियंका चौधरी के खिलाफ सीसीएफ अनुसंधान एवं विस्तार भोपाल की राखी नंदा ने व्हाट्सएप पर असंसदीय भाषा का प्रयोग और अभद्र व्यवहार करने की शिकायत दर्ज कराई है, जिसकी जांच चल रही है।
आईएफएस के लिए इन नामों पर होना है मंथन
गंधू सिंह धुर्वे, काशीराम जाधव, इंदू सिंह गडरिया, रामकुमार अवधिया, सीमा द्विवेदी, लोकप्रिय भारती, हेमलता शाह, प्रियंका चौधरी, संजय रायखेरे, अमित पटौदी, विद्या भूषण मिश्रा, अमित कुमार सिंह चौहान, अर्चना पटेल, ऋषि मिश्रा, आशीष बंसोड़, विद्या भूषण सिंह के नाम शामिल है।
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