– 20 पैसे प्रति यूनिट की दर से बढ़ोतरी के लिए नियामक आयोग को लगाई गुहार
– प्रदेश सरकार बिजली पर सब्सिडी में 20 हजार करोड़ रुपए की दे रही छूट
इंदौर। कमलेश्वर सिसोदिया। मध्य प्रदेश में महंगी बिजली से उपभोक्ता पहले ही परेशान हैं। बिजली कंपनियों ने अपने वार्षिक लेखे-जोखे में लंबा घटा बताया है और विद्युत नियामक आयोग से 3 प्रतिशत बिजली दर में बढ़ोतरी के लिए गुहार लगाई है। नियामक आयोग के सामने जब भी बिजली कंपनी दर बढ़ाने का प्रस्ताव रखती है तो बिजली महंगी होना तय माना जाता है।
मध्यप्रदेश में बिजली वितरण कंपनियों ने वार्षिक राजस्व रिपोर्ट नियामक आयोग के सामने रखी जिसमें हजारों करोड़ रुपए का घाटा बताया गया। बिजली कंपनियों ने वेतन-भत्तों के साथ पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और मेंटेनेंस, रखरखाव आदि खर्चों के मद्दे नजर अगले वित्तीय वर्ष के लिए 3 फीसदी प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की मांग की है। अब नियामक आयोग एक महीने बाद दावे-आपत्ति और सुनवाई करेगा। इसके बाद शासन स्तर पर बढ़ोतरी का फैसला लिया जाएगा।
हजारों करोड़ की छूट
प्रदेश सरकार अलग-अलग योजनाओं में तकरीबन 20000 करोड़ रुपए की छूट बिजली उपभोक्ताओं को देती है, जिसमें महेश्वर, बुरहानपुर, बाग आदि स्थानों पर बुनकरों को, किसान, नए उद्योग, जो उद्योग उत्पादन क्षमता बढ़ाते हैं, घरेलू उपभोक्ताओं को सीमित बिजली उपयोग पर, रात में बिजली उपयोग पर, अजा किसान और अजा के लिए रियायती 30 महीने की बिजली भी दी जाती है।
औसत 7.25 पैसे यूनिट वर्तमान दर
प्रदेश में विद्युत नियामक आयोग के अनुसार 4.50 रुपए से 8.50 रुपए अलग-अलग खपत के आधार पर प्रति यूनिट बिजली का शुल्क लिया जाता है। औसत रूप से बिजली की प्रति यूनिट 7.25 रुपए वर्तमान दर है। बिजली कंपनियों ने 3 फीसदी बिजली दर में बढ़ोतरी चाही है, जो तकरीबन 20 पैसे प्रति यूनिट होगी
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved