इंदौर, नासेरा मंसूरी। स्वच्छता में नंबर वन रहने वाला इंदौर ना केवल अब देश को सीखा रहा है, बल्कि विदेशों में भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है। पिछले दिनों भारत सरकार और कनाडा सरकार के बीच हुई बातचीत के बाद अब भारत और कनाडा के स्टार्टअप एक साथ काम करेंगे। भारत सरकार ने इस प्रोग्राम के तहत कनाडा सरकार के पांच स्टार्टअप को चुना है, जो भारत के स्टार्टअप के साथ मिलकर नई तकनीकों पर काम करेंगे। वहीं, इन स्टार्टअप के साथ भारत के जो स्टार्टअप काम करेंगे, उनमें प्रदेश के इंदौर से एकमात्र स्टार्टअप ‘स्वाहा’ भी शामिल है, जो सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट में काम करता है।
अटल इन्क्यूबेशन सेंटर दिल्ली की निगरानी में देश के भी कई स्टार्टअप इस कार्यक्रम में कनाडा सरकार के साथ काम करेंगे। इसी प्रोग्राम के सिलसिले में कनाडा के हाई कमीशन की ट्रेड कमिश्नर मीना भुल्लर पिछले दिनों इंदौर भी आईं थी। उन्होंने इंदौर के स्वाहा के प्लांट और स्वाहा वैन को भी देखा था। अब अगली बैठक 7 दिसंबर को इंदौर स्मार्ट सिटी ऑफिस (इन्क्यूबेशन सेंटर) में स्टार्टअप एमपी प्रोग्राम के तहत होना है, जिसमें कनाडा के ये स्टार्टअप आकर इंदौर के कोर्पोरेट्स, स्टार्टअप और अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। ‘स्वाहा’ भी इसमें शामिल होगा। इसके अलावा भी इंदौर कुछ स्टार्टअप के शामिल होने की संभावनाएं जताई जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय तकनीक आएगी भारत
स्वाहा के सीईओ समीर शर्मा ने बताया कि ये सुखद है कि इंदौर का डंका अब विदेशों में भी बज रहा है। दोनों देशों के स्टार्टअप साथ काम करेंगे, तो दोनों देशों की तकनीक को लेकर भी फायदा होगा। अंतरराष्ट्रीय तकनीक भी भारत आएगी, जिससे आने वाले समय में अन्य स्टार्टअप को भी फायदा होगा। पिछले दिनों अमेरीका की कंपनी वेटरनॉट ने भी स्वाहा के साथ एमओयू किया है।
सस्टेनेबलिटी और वेस्ट मैनेजमेंट पर काम
भारत सरकार ने इस समझौते के बाद कनाडा के जिन 5 स्टार्टअप को चुना है, वे सस्टेनेबलिटी और वेस्ट मैनेजमेंट पर काम करते हैं। इनमें कनाडा के आईक्यू एनर्जी, कार्बन कैप, अर्थ टैक ग्रुप, बायो थर्मिका और थ्री एफ स्टार्टअप शामिल है। पिछले दिनों इंदौर में इनमें से दो स्टार्टअप आ भी चुके हैं और कई बार स्वाहा के साथ ऑनलाइन मीटिंग भी हो चुकी है। इनमें से तीन स्टार्टअप स्वाहा के साथ काम करने में रूचि दिखा चुके हैं और इस तकनीक को कनाडा भी लेकर जाना चाहते हैं।
दो छात्रों ने शुरू किया था ‘स्वाहा’
आईआईटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग करने वाले ज्वलंत शाह और रोहित अग्रवाल ने 29 जून 2016 में स्वाहा की नींव रखी थी। 2017 में समीर शर्मा इसका हिस्सा बने। स्वाहा का मकसद कचरे को खाद में बदलना था। उन्होंने ऐसी तकनीक इजाद की, जिसमें कचरे को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के बजाय वहीं निपटान किया जा सके। इसके लिए मोबाइल वेस्ट प्रोसेसिंग वैन बनाई। कंपनी आईपीएल मैच में भी काम कर चुकी है और इस साल अमरनाथ यात्रा के दौरान निकलने वाले कचरे का निस्तारण भी कर चुकी है।
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