नई दिल्ली । दिल्ली (Delhi) के चर्चित शराब घोटाले (liquor scam) में जांच टीम ऐक्शन जारी है। अब प्रवर्तन निदेशालय यानी (ED) ने एक कारोबारी अमित अरोड़ा (Amit Arora) को गिरफ्तार (Arrested) किया है। अमित अरोड़ा के बारे में बताया जा रहा है कि वो Buddy Retail Pvt Ltd के मालिक हैं। इस घटना की जानकारी रखने वाले ने बुधवार को बताया कि अमित अरोड़ा को इस चर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) के मामले में गिरफ्तार किया गया है। 17 अगस्त को सीबीआई ने इस मामले में जो एफआईआऱ दर्ज की थी उसमें अमित अरोड़ा का नाम आरोपी के तौर पर शामिल था।
प्रवर्तन निदेशालय दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-2022 को लागू करने में हुई गड़बड़ियों के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच कर रही है। इस केस में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी आरोपी बनाया गया है। अधिकारियों ने कहा है कि अमित अरोड़ा दिल्ली में शराब के बिजनेस के अहम खिलाड़ी हैं। मनी लॉन्ड्रिंग में उन्हें गिरफ्तार किये जाने के बाद अब अदालत में उन्हें पेश किया जाएगा।
सीबीआई की एफआईआर में कहा गया है कि मनीष सिसोदिया का एक बेहद ही करीबी शख्स दिल्ली में शराब के लाइसेंस को मैनेज करने और इससे फायदे कमाने में शामिल था। सीबीआई और ईडी दोनों ने पिछले हफ्ते इस केस में पहली चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई ने इस मामले में 7 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इसमें आम आदमी पार्टी के संचार रणनीतिकार विजय नायर, अभिषेक बोनपल्ली, समीर महेंद्रु, अरूण रामचंद्र पिल्लई, मूथा गौतम के अलावा दो सरकारी सेवक कुलदीप सिंह और नरेंद्र सिंह का नाम शामिल है।
140 फोन नंबर बदले गये
वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में समीर महेंद्रु और उसके दो सहयोगियों के खिलाफ अपनी चार्जशीट पिछले हफ्ते दाखिल की है। ईडी ने दावा किया है कि आबकारी नीति से जुड़ी विशेष जानकारियां पब्लिक में सार्वजनिक होने से करीब 45 दिनों पहले लीक कर दी गई थीं। ईडी ने एक और बड़ा दावा यह भी किया है कि मनीष सिसोदिया, लीकर माफिया और कुछ अन्य वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों समेत 34 अहम लोगों ने डिजिटल सबूत मिटाने के लिए 140 फोन नंबर बदले।
शराब नीति से जुड़े कागजात हुए लीक
शराब नीति रिलीज होने से पहले ही कुछ चुनिंदा शराब निर्माताओं के बीच लीक कर दी गई थी। जांच में यह पाया गया है कि 5 जुलाई 2021 को इस नीति से जुड़ी जानकारियां आबकारी विभाग के वेबसाइट पर डाली गईं। हालांकि, ईडी ने 9 नवंबर को कोर्ट में दावा किया है कि उसके पास सबूत हैं कि इस नीति के अलावा कई अन्य कागजात कुछ चुनिंदा शराब निर्माताओं के बीच 31 मई 2021 को ही लीक कर दी गई थी।
दिल्ली सरकारी की शराब नीतियों में जब भ्रष्टाचार के आरोप लगे तब इसकी सीबीआई जांच की सिफारिश उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने की थी। इसके बाद दिल्ली सरकार को यह शराब नीति वापस लेनी पड़ी थी। आम आदमी पार्टी ने दावा किया है कि इस नीति को वापस लेने की वजह से राजस्व का नुकसान हुआ है। ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि कुछ सरकारी सेवकों को चुनिंदा बिजनेस ग्रुप ने 100 करोड़ रुपये का घूस एडवांस के तौर पर दिया था।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved