नई दिल्ली। मोक्षदा एकादशी (Mokshada Ekadashi ) का व्रत 3 दिसंबर 2022 को रखा जाएगा. अपने नाम अनुरूप ये एकादशी मोक्ष का क्षय करने वाली मानी जाती है. मोक्षदा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्त होकर बैंकुंठ लोक को जाता है. महाभारत के युद्ध (war of mahabharata) के समय जब भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था उस दिन मार्गशीर्ष मास (margashirsha month) के शुक्ल पक्ष की एकादशी थी इसलिए इस दिन गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी संयुक्त होने से इस व्रत का महत्व (Importance) और अधिक बढ़ जाता है. इस साल मोक्षदा एकादशी का व्रत बहुत शुभ योग में रखा जाएगा. कहते हैं एकादशी (Ekadashi) पर किया दान हजारों पुण्य के समान फल प्राप्त करने वाला माना जाता है. आइए जानते मोक्षदा एकादशी के शुभ योग और दान का महत्व.
मोक्षदा एकादशी 2022 शुभ योग (Mokshada Ekadashi 2022 Shubh yoga)
मोक्षदा एकादशी के दिन रवि योग का संयोग बन रहा है. बन रहा है. रवि योग में काम की शुरुआत करने से सूर्य देव और विष्णु जी की कृपा मिलती है, जिससे सभी काम बिना रुकावट के पूरे होते हैं.
रवि योग – 3 दिसंबर 2022, सुबह 07:04 – 4 दिसंबर 2022, सुबह 06:16
मार्गशीर्ष माह शुक्ल मोक्षदा एकादशी तिथि शुरू – 03 दिसंबर 2022, सुबह 05 बजकर 39
मार्गशीर्ष माह शुक्ल मोक्षदा एकादशी तिथि समाप्त – 04 दिसंबर 2022, सुबह 05 बजकर 34
मोक्षदा एकादशी पर करें 5 चीजों का दान:
गर्म कपड़े
दिसंबर में ठंडी चरम पर होती हैं. ऐसे में एकादशी पर जरूरमंदों को गर्म कपड़े या कंबल का दान करें. ये जीवन में सौभाग्य लाता है और व्यक्ति दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करता है.
अनाज
मोक्षदा एकादशी पर गरीबों को अनाज का दान करने से समृद्धि में वृद्धि होती है. गेंहू, गुड़, दाल, चावल, तिल, शक्कर का दान करने से अन्न का अभाव नहीं होता. वहीं मोक्षदा एकादशी इस बार शनिवरा के दिन है ऐसे में सरसों का तेल का दान करने से शनि देव को प्रसन्न किया जा सकता है. एक लोहे के बरतन में सरसों का तेल और 1 रुपए का सिक्का डालें. फिर तेल में अपना चेहरा देखकर किसी गरीब को दान कर दें या पीपल के पेड़ के नीचे रख दें. इससे रुके हुए कार्य पूरे हो जाएंगे.
विद्या दान
शास्त्रों में विद्या का दान श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि ये एक ऐसा दान है जो बांटने से ओर अधिक बढ़ता ही है. एकादशी के दिन किसी जरुरतमंद बच्चों को शिक्षा से संबंधित वस्तुएं दान करने से समाज का कल्याण होता है. इस दिन किसी गरीब बच्चे की पढ़ाई का जिम्मा उठाने का संकल्प लेने से मां लक्ष्मी और देवी सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
धातु, दवा
धातु का दान जैसे लोहे का दान शनिवार को करना अति शुभ फलदायी होता है, इससे आने वाले विपत्ति टल जाती है. वहीं एकादशी पर किसी बीमार असहाय व्यक्ति को स्वास्थ संबंधी मदद करने से कभी न खत्म होने वाला पुण्य प्राप्त होता है.
नोट– उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य से पेश की गई है, हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं. इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर ले.
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