इंदौर, संजीव मालवीय। 52 साल के राहुल गांधी अब तक 81 दिन की यात्रा पूरी कर चुके हैं। इन 81 दिनों में 7 राज्यों के 35 जिले वे नाप चुके हैं। करीब 2200 किलोमीटर वे पैदल चल चुके हैं और 1300 किलोमीटर और बाकी है, लेकिन जो फुर्ती और चेहरे की चमक कन्याकुमारी में नजर आ रही थी, वह अभी भी उनके चेहरे पर दिख रही है। राहुल ने यात्रा के दौरान एक नियम बना लिया है और वो है, टाइम मैनेजमेंट तथा अनुशासन। इसी के बल पर वे भारत में उत्तर की ओर बढ़े जा रहे हैं। उन पर राजनीतिक हमले ज्यादा हो रहे हैं, लेकिन राहुल की चाल में कोई अंतर नहीं है। यही ताजगी आज 82वें दिन उनके चेहरे पर दिखी।
आज भी सुबह राहुल गांधी 4 से साढ़े 4 बजे के बीच उठ गए थे और पौने 6 बजे ही अपने कैम्प से बाहर आ गए। गाडिय़ों का काफिला तैयार था। उन्होंने इशारा किया और थोड़ी ही देर में गाडिय़ा बड़ा गणपति पर पहुंच गई। राहुल के टाइम मैनेजमेंट के चलते उन नेताओं की भी नींद उड़ गई है, जिन्हें देर तक सोने की आदत है। ऐसी ही कुछ आदत जयवर्धनसिंह की है। उनके पिता दिग्विजयसिंह राहुल के साथ पहले पहुंचते हैं और वे बाद में यात्रा में शामिल हो पाते हैं। ठीक 6 बजे राहुल ने पैदल चलना शुरू कर दिया था और उनके साथ दिग्विजयसिंह और जीतू पटवारी के अलावा कोई स्थानीय नेता नहीं था। बाद में यात्रा शुरू होते ही दूसरे नेता भी साथ नजर आए। राहुल के कदम से कदम मिलाने के चक्कर में कई नेता दौड़ते रहे। प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल, शहर अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, जिलाध्यक्ष सदाशिव यादव भी साथ थे। पटवारी कल भी पूरे समय राहुल के साथ पैदल ही चले थे और आज भी सुबह से वे यात्रा में शामिल थे। इंदौर वायर तक आते-आते उजाला हो चुका था और नेताओं के यात्रा में जुटने का सिलसिला जारी था। एक तरह से इंदौर जिले से आज यात्रा की विदाई थी और जिस तरह से कांग्रेसियों ने यात्रा का स्वागत किया वह ऐतिहासिक हो गया।
दिग्गी 75 साल के बूढ़े हैं या फिर पार्टी के जवान नेता
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह यात्रा में प्रभारी के रूप में चल रहे हैं। एक तरह से प्रदेश में दिग्गी यात्रा का कोआर्डिनेशन कर रहे हैं। दिग्गी की उम्र अभी 75 साल है, लेकिन जिस तरह से वे यात्रा में राहुल के साथ कदमताल करते हैं, उससे वे अपनी बढ़ती उम्र को भी मात दे देते हैं। यात्रा समाप्त होने के बाद जब राहुल अपने कैम्प में सोने चले जाते हैं, उसके बाद भी दिग्गी स्थानीय नेताओं से आगामी कार्यक्रमों के बारे में चर्चा करके ही सोते हैं और दूसरे दिन की पूरी जानकारी लेते हैं। दिग्गी राजस्थान बार्डर तक यात्रा के साथ रहने वाले हैं।
कमलनाथ 76 के, लेकिन नहीं चल पा रहे राहुल के साथ
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ दिग्विजसिंह से एक साल बड़े हैं। प्रदेश का नेतृत्व कर चुके हैं, लेकिन राहुल के साथ बराबरी से चल नहीं पा रहे हैं। वे थोड़ी देर के लिए राहुल के साथ पैदल चलते हैं और अधिकांश समय अपनी गाड़ी में जाकर बैठ जाते हैं। जहां भीड़ होती है, वहां वे गाड़ी में से ही हाथ बाहर निकालकर कांग्रेसियों का अभिनंदन करते हैं। यात्रा में प्रदेश प्रभारी जेपी अग्रवाल भी बराबरी से राहुल का साथ दे रहे हैं। वे राहुल से दूर ही चलते हैं और जब किसी नेता को मिलना होता है तो ही वे राहुल के पास जाते हैं।
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