नई दिल्ली। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) (Confederation of Indian Industry (CII)) ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India (RBI)) से ब्याज दर में बढ़ोतरी की रफ्तार घटाने की मांग की है। दरअसल रिजर्व बैंक की महंगाई और ब्याज दर पर विचार करने के लिए मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक दिसंबर के पहले हफ्ते में होने वाली है।
उद्योग मंडल सीआईआई ने रविवार को कहा कि भारतीय उद्योग जगत बीते दिनों ब्याज दरों में इजाफे के प्रतिकूल असर को महसूस कर रहा है। ऐसे में सीआईआई ने आरबीआई से अनुरोध किया है कि वह ब्याज दर में बढ़ोतरी की रफ्तार घटाए। दरअसल आरबीआई ने वित्त वर्ष 2022-23 में अभी तक रेपो दर में 1.90 फीसदी की बढ़ोतरी कर चुका है।
सीआईआई के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में बड़ी संख्या में कंपनियों की आय और मुनाफे में गिरावट आई है। ऐसे में सीआईआई ने तर्क दिया है कि मौद्रिक नीति की सख्ती में कमी करने की जरूरत है। उद्योग मंडल के मुताबिक घरेलू मांग में सुधार का रूख है, लेकिन वैश्विक सुस्ती का प्रभाव भारत की वृद्धि संभावनाओं पर भी पड़ सकता है।
उद्योग निकाय ने घरेलू वृद्धि को बनाए रखने के लिए आरबीआई से अपनी मौद्रिक सख्ती की रफ्तार को पहले 0.50 फीसदी से कम करने पर विचार करने का आग्रह किया है। बता दें कि देश में बढ़ती महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए आरबीआई ने लगातार नीतिगत दरों में बढ़ोतरी की है, जिसका अर्थव्यवस्था पर असर देखने को मिला है। अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर घटकर तीन महीने के निचले स्तर 6.77 फीसदी के स्तर पर रही है। (एजेंसी, हि.स.)
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