इंदौर। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा देश में कांग्रेस में नई जान फूंकने का काम कर रही है, लेकिन इससे इंदौर सहित आसपास के क्षेत्रों के बस और ट्रांसपोर्ट संचालक खासे परेशान हैं। यात्रा के कारण तीन दिन से इंदौर से खंडवा-बुरहानपुर मार्ग पर जाने वाली सभी बसों और ट्रकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। यह रोक आज भी जारी रहेगी। मजबूरन बस और ट्रकों को दूसरे मार्गों से घूमकर जाना पड़ रहा है। इससे यात्रियों और माल भेजने-मंगवाने वाले व्यापारियों को भी परेशान होना पड़ रहा है।
राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के तहत 23 नवंबर को बुरहानपुर से मध्यप्रदेश में प्रवेश किया था। वे इसी मार्ग से महू होते हुए कल इंदौर पहुंचेंगे। उनकी यात्रा को देखते हुए वाहनों के फंसने और जाम की स्थिति से बचने के लिए पुलिस-प्रशासन ने 23 नवंबर से ही तेजाजीनगर चौराहे से बसों, ट्रकों सहित अन्य भारी वाहनों का प्रवेश रोक दिया है। इसके कारण तेजाजी नगर चौराहे के दोनों ओर सर्विस रोड पर ट्रकों की लंबी कतार भी लगी हैं, जो मार्ग खुलने का इंतजार कर रही है, वहीं अधिकांश ट्रक और बस संचालक इस दौरान वाहनों को बंद किए बैठे हैं, जिनके लिए संचालन जरूरी है, वे मजबूरन दूसरे मार्गों से वाहनों को भेज रहे हैं। आज शाम से यात्रा महू रोड पर शिफ्ट होने के बाद इस मार्ग पर वाहनों का प्रवेश शुरू होने से राहत मिलने की उम्मीद है।
हजारों यात्री परेशान
बस संचालकों के मुताबिक इस मार्ग पर इंदौर से बसें चोरल, सिमरोल, बड़वाह, ओंकारेश्वर, सनावद, खंडवा, खरगोन, भीकनगांव, बुरहानपुर, शेगांव, जालना, औरंगाबाद सहित रास्ते के प्रमुख स्टेशनों के यात्रियों को लेकर जाती और आती हैं। इस मार्ग पर इंदौर से रोजाना 250 से ज्यादा बसें चलती हैं, जिससे रोजाना 8 हजार से ज्यादा यात्री सफर करते हैं, लेकिन तीन दिनों से ज्यादातर बसें बंद हैं। जो बसें संचालित हो रही हैं, उन्हें धामनोद मार्ग से बुरहानपुर के लिए भेजा जा रहा है। इससे बीच के स्टेशन भी छूट रहे हैं, जहां तक जाने के लिए यात्रियों के पास कोई विकल्प नहीं है।
तीन राज्यों में जाते हैं ट्रक, हर गाड़ी का खर्च 8 हजार तक बढ़ा
इंदौर ट्रक ऑपरेटर्स एंड ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती ने बताया कि इस मार्ग पर रोजाना 2 हजार से ज्यादा ट्रक इंदौर से चलते हैं। ये ट्रक इंदौर से बुरहानपुर तक के प्रदेश के प्रमुख स्टेशनों के साथ ही आगे महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश तक माल लेकर जाते हैं, लेकिन यात्रा के कारण मार्ग बंद होने से ट्रकों को मजबूरन धामनोद और हरदा मार्ग से भेजा जा रहा है। इसमें ट्रकों को 100 से 150 किलोमीटर से ज्यादा घूमकर जाना पड़ रहा है। इससे ईंधन और टोल मिलाकर 8 हजार रुपए से ज्यादा का अतिरिक्त खर्च आ रहा है, जिसे ट्रांसपोर्टर को वहन करना पड़ रहा है। इससे करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।
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