नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को 9 महीने से अधिक समय हो चुका है. अमेरिका इस युद्ध में यूक्रेन को समर्थन दे रहा है. लेकिन इस युद्ध के बीच में एक बड़ी खबर सामने आई है, जिससे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. दरअसल अमेरिकी संस्था ज्यूडिशियल वॉच ने दावा किया है कि अमेरिका यूक्रेन में खतरनाक जैविक हथियार या बायो वीपंस बनाने के लिए वहां बायोलैब चला रहा था.
संस्था ने इसके लिए अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के दस्तावेजों का हवाला दिया है. दरअसल पहले यूक्रेन में बायो वीपंस बनाने का अमेरिका पर रूस ने आरोप लगाया था. अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के इन दस्तावेजों से अब अमेरिकी सरकार बुरी तरह फंस गई है. अग्निबाण ने मार्च-अप्रैल में इसका खुलासा किया था कि यूक्रेन में अमेरिका ऐन्थ्रैक्स लैब की फंडिंग कर रहा है. इसके बाद से ही ये मामला चर्चा में है.
वहीं रूस के डिप्टी विदेश मंत्री सर्गेई राबकोव ने गुरुवार को दावा किया है कि अमेरिका रूस की सीमा के पास अपने बायोलॉजिकल वीपंस कार्यक्रम के तहत पैथोजेंस पर रिसर्च कर रहा है. रूसी मीडिया के हवाले से ये खबर सामने आई है. उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि रूस के पास हर वो कारण है जिससे कि हम मान सकें कि हमारी सीमा के पास बायोलॉजिकल वीपंस बनाने का काम चल रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका और उसके सहयोगी इस रिसर्च को अंजाम दे रहे हैं. ऐसा पड़ोसी देश यूक्रेन में भी हो रहा है.
रूस के डिप्टी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि रूस के पास इसके सबूत भी हैं कि कैसे उसकी सीमाओं के पास में मानव पैथोजेंस पर रिसर्च की जा रही है. यह पूरी तरह से अस्वीकृत है. उन्होंने कहा कि विदेश के सैन्य बल देश से लोगों के सैंपल और संक्रामक बीमारियों के सैंपल लेकर बायो वीपंस बनाने का काम कर रहे हैं. इनमें वो जैविक हथियार भी शामिल हैं, जिनपर वैक्सीन का प्रभाव नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि आगामी जेनेवा कॉन्फ्रेंस के समय उससे इतर रूस अमेरिका के खिलाफ सबूत भी पेश कर सकता है. हालांकि अमेरिका ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद ठहराया है.
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