नई दिल्ली। दिल के मरीजों (heart patients) को फ्लू का टीका देना उन्हें न सिर्फ फ्लू से बचाता है, बल्कि उन्हें दिल की बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती (admitted to hospital) होने से भी बचा सकता है। यह जानकारी मशहूर जर्नल द लैंसेट ग्लोबल हेल्थ में प्रकाशित एक अध्य्यन में सामने आई है।
भारत (India) के एम्स समेत मिडिल ईस्ट और अफ्रीका के 10 देशों के अलग-अलग अस्पतालों में यह 5130 मरीजों पर अध्ययन किया गया है। भारत में एम्स के हृदय रोग विभाग (Department of Cardiology) के प्रोफेसर डॉक्टर अंबुज रॉय के नेतृत्व में यह अध्ययन हुआ है। डॉक्टर अंबुज ने बताया कि फ्लू के सीजन में दिल के मरीज इसका टीका लगने की वजह से कम बीमार हुए हैं।
प्रोफेसर अम्बुज रॉय ने बताया कि इस अध्ययन में दिल के मरीजों (heart patients) को बराबर संख्या में दो अलग-अलग समूहों में बांट दिया गया था। एक समूह के लोगों को सामान्य उपचार के अलावा हर साल फ्लू का टीका लगाया गया और दूसरे समूह के मरीजों को सामान्य दिल का उपचार मिला, उन्हें फ्लू का टीका नहीं लगाया गया। इसके बाद फ्लू के सीजन में यह देखा गया कि जिन मरीजों को फ्लू का टीका लगा था उनमें अस्पताल में भर्ती होने के मामले और मृत्यु दर के मामले कम देखे गए। दिल के जिन मरीजों को टीका नहीं लगा था, उनमें 9.1 फीसदी मरीजों में मृत्यु दर, दिल का दौरा पड़ने, ब्रेन स्ट्रोक या अन्य दिल की समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती होने के मामले देखे गए, जबकि फ्लू का टीका लगवाने वाले मरीजों में यह आंकड़ा घटकर सिर्फ 6.2 फीसदी रह गया था।
हर साल लगवाएं फ्लू का टीका
प्रोफेसर अम्बुज रॉय के मुताबिक, भारत में फ्लू के दो अलग-अलग समय में भौगोलिक स्थिति के हिसाब से फ्लू के टीके लगते हैं। हिमाचल, पंजाब और जम्मू-कश्मीर (Punjab and Jammu and Kashmir) और लद्दाख के इलाके में एनएच स्ट्रेन का फ्लू का टीका लगता है। यह अक्टूबर में लगवा लेना चाहिए। भारत के अन्य इलाकों में फ्लू का एसएच स्ट्रेन का टीका लगता है और यह अप्रैल में लगवा लेना चाहिए। फ्लू का टीका दिल के मरीजों को हर साल लगवाना चाहिए।
एम्स में हृदय रोग विभाग के प्रोफेसर अम्बुज रॉय ने कहा कि फ्लू का टीका न सिर्फ निमोनिया से बचाएगा, बल्कि यह दिल के मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने के खतरे को भी कम कर देता है।
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