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    स्वच्छता सर्वे 2023 को लेकर नई गाइडलाइन जारी

  • November 24, 2022

    • इस बार 9500 अंकों का होगा सर्वेक्षण

    भोपाल। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 को लेकर नई गाइडलाइन जारी हुई है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के परिणाम में नगरपालिका को 7500 अंकों में 4552 अंक ही हासिल हो पाए थे, जिससे नपा की रैंक वर्ष 2021 के परिणाम की तुलना में 28 पायदान फिसलकर 90 नंबर तक नीचे आ गई थी। नगरपालिका की किरकरी होने के बाद इस वर्ष बेहतर रैंक पाने नपा ने फिर से कवायद शुरू कर दी है। शहरों में स्वच्छता और साफ-सफाई के पैमानों में साल दर साल बदलाव किया जा रहा है। इस बार भी केंद्र सरकार ने सर्वेक्षण में काफी बदलाव किए हैं। इस बार सर्वेक्षण 7500 के बजाय 9500 अंकों का होगा। ऐसे में दो हजार अंक बढ़ा दिए गए हैं।
    सर्वेक्षण चार चरणों में होगा। इस बार सिटीजन फीडबैक सबसे पहले लिए जाएंगे। जबकि इससे पहले अंतिम चरण पर सिटीजन फीडबैक लिया जाता था। अब एक अक्टूबर 2022 से 31 जनवरी 2023 तक फीडबैक लिया जाना है। जिसमें 48 प्रतिशत अंक कचरा उठाव और उसके निस्तारण पर दिए जा रहे हैं। इस बार सर्विस आधारित सेवा स्तर प्रगति पर 3000 की जगह 4525 अंक, सर्टिफिकेशन पर 2250 की जगह 2500 अंक और सिटीजंस फीडबैक पर 2250 की जगह 2475 अंकों की व्यवस्था की गई है। उसमें से मूल्यांकन होने के बाद सभी श्रेणियों के प्राप्त अंक जोड़कर रिजल्ट बनेगा।

    कचरा प्रबंधन के 1830 अंक
    गीले-सूखे कचरे को अलग करना सबसे बड़ी चुनौती रहती है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 शुरू हो गया है। इस बार अधिक चुनौतियां है, जिनका सामना अधिकारियों को करना होगा। नए गाइडलाइन के अनुसार कचरा प्रबंधन के 1830 अंक इस बार निर्धारित किए गए हैं। पिछले वर्ष 1200 अंक इसके थे। घर से निकलने वाले कचरे का प्रबंधन और निस्तारण नगरपालिका किस तरह करती है, इस पर खास फोकस रहेगा। कूड़ा उठाने पर इस बार अंक करीब दोगुने कर दिए गए हैं। पिछले साल जहां कूड़ा उठाने की सर्विस के 900 अंक निर्धारित थे। इस बार इसे बढ़ाकर 1750 अंक किए गए हैं। वाटर सप्लाई मैनेजमेंट और सफाईकर्मियों की सुरक्षा को लेकर 945 अंक निर्धारित किए गए हैं। जबकि पिछले साल इसके लिए 900 अंक निर्धारित थे।



    सबसे बड़ी समस्या यह है कि डोर.-टू.-डोर कूड़ा उठाने व गीला व सूखा कचरा भी अलग नहीं किया जा रहा है। इससे पार पाना भी जरूरी है। सीवरेज के पानी को ट्रीट किया जा रहा है या नहीं इसके अंक भी निर्धारित किए गए हैं। सिटीजन फीडबैक पहले लेने का मुख्य कारण यह है कि अब शहरों की तस्वीर साफ हो जाएगी। पहले टीम आने के बाद शहर को चकाचक कर दिया जाता था और शहरवासियों से फीडबैक लिया जाता तो वो ठीक ही देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। फोन द्वारा ही सिटीजन फीडबैक लिया जाएगा। कूड़ा उठाना व निस्तारण करने पर अधिक अंक मिलेंगे। गुटखा या पान खाकर इधर-उधर थूकने से भी शहर की रैंकिंग गिर सकती है।

    सर्विस लेवल प्रोग्रेस के 4,525 अंक
    सर्विस लेवल प्रोग्रेस अहम रहेगा। 9500 अंकों में से 4525 अंक सर्विस लेवल प्रोग्रेस के निर्धारित किए गए हैं। निर्धारित 4525 में से 1750 अंक तो कूड़ा उठाने के लिए तय हैं। इसमें देखा जाएगा की शहर में कूड़ा उठाने की किस तरह की सेवा मुहैया करवा रही है। नगरपालिका निस्तारण की व्यवस्था अभी तक नहीं हो पाई है। कूड़ा उठान पर इस बार अंक करीब दोगुने हो गए हैं। विगत साल जहां कूड़ा उठान सर्विस के 900 अंक थे। इस बार 1750 अंक हैं। वाटर सप्लाई मैनेजमेंट और सफाईकर्मियों की सुरक्षा के 945 अंक वाटर निर्धारित किए हैं। विगत साल इसके लिए 900 अंक थे।

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