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    डूब मरो हिंदुत्व के ठेकेदारों!!

  • November 22, 2022

    • मदार टेकरी की कसाई मंडी के बहादुर गंज में खुलेआम बिक रहा है गाय का मांस
    • निर्दलीय पार्षद कर रहा 20 साल से गौमांस का व्यापार

    सृजन शुक्ला
    जबलपुर। 1400 साल पहले पैगम्बरे इस्लाम ने कुरान में बताया कि गाय गोश्त मुजिर (जहरीला) और दूध और घी मुफीद (फायदेमंद) होता है। जिसके बाद कुरैशी समाज द्वारा लगभग व्यापार बंद कर दिया था। पैगंबर-ए-इस्लाम ने भी फरमाया है कि गाय का गोश्त खाने से बीमारी होती है। जबकि उसका दूध दवा और गाय का घी शिफा (बीमारी में फायदा) होता है। हिंदु धर्म की आस्था भी गाय से जुड़ी है। अगर सरकार गोरक्षा पर गंभीर है तो उसे संसद में कानून बना देना चाहिए क्योंकि कुछ राज्यों के साथ जबलपुर के मुस्लिम बहुल क्षेत्र में भी बड़ी दिलेरी से गाय का गोश्त बिक रहा है ।

    शहर में डीलर डिस्ट्रीब्यूटर नियुक्त
    गाय के मास की अवैध रूप से हो रही बिक्र को लेकर जब हमारी पड़ताल आगे बढ़ी तो यह रोचक जानकारी सामने आई अवैध काम को बकायदा एक कंपनी की तरह चलाया जा रहा है, जिसमें दूसरे शहर के गाय तस्कर के द्वारा जबलपुर में डीलरों और डिस्ट्रीब्यूटरों की नियुक्ति कर दी गई है। इनके द्वारा शहर के विभिन्न मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में पिकअप वाहन के माध्यम से गाय का मांस पहुंचाया जाता है, जहां से इसे खाने के शौकीन खरीदते हैं। वहां पर पन्नी में रखकर गौ मांस बेचा जाता है।

    खाकी और खादी का संरक्षण
    पड़ताल में जो सबसे ज्यादा रोचक जानकारी सामने आई उसमें खास बात यह है कि गाय का मांस बेचने वालों को को खाकी और खादी का खुला संरक्षण प्राप्त है। इनके द्वारा इन गाय के मांस के तस्करों को खुला संरक्षण दिया जाता है, चंद पैसों की लालच में यह लोग हिंदू धर्म की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसा नहीं कि इसमें मुस्लिम धर्म के लोग ही शामिल हैं, बल्कि बकायदा चंद हिंदुओं द्वारा इस काले धंधे में गौ मांस तस्करों को संरक्षण दिया जा रहा है।


    कुरैशी समाज कर चुका है बहिष्कार
    गाय के मांस को लेकर जैसे ही राज्य सरकार द्वारा कानून बनाकर पाबंदी लगाई गई वैसे ही जबलपुर के कुरैशी समाज के द्वारा अपने समाज के लोगों को यह ताकीद दी गई कि गाय के मांस की बिक्री कोई भी ना करें और अगर ऐसा कोई करता हुआ पाया जाता है तो उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया जाएगा। बावजूद इसके समाज के कुछ चुनिंदा लोगों द्वारा इसकी नाफरमानी की गई, जिसके बाद कुरैशी समाज द्वारा बकायदा इन लोगों को समाज से बहिष्कृत कर दिया गया।

    दूसरे शहरों से आकर बिकता है गाय का मांस
    यूं तो समूचे राज्य में गाय का मांस पूर्णता प्रतिबंधित कर दिया है सरकार द्वारा कानून बनाकर गौ मांस को मानव हत्या के समकक्ष रखकर कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। बावजूद देखा जा रहा है कि जबलपुर में आज भी गाय के मांस के शौकीनों के लिए बकायदा कई मंडिया आज भी गुलजार हैं। जहां गाय का मांस खुलेआम बेचा जा रहा है । जानकारी लगने पर जब अग्निबाण ने तफ्तीश की तो कई रोचक जानकारियां सामने आई । पूछताछ में पता चला कि शहर में बिक रहागाय का मांसअन्य शहरों से यहां पर लाया जा रहा हैजिसे बकायदा निश्चित स्थान पर वाहनों के माध्यम सेनियत स्थान पर खड़ा कर बेच दिया जाता है।

    अग्निबाण करेगा इस अवैध धंधे का खुलासा
    अग्निबाण द्वारा इस अवैध धंधे से जुड़ी जानकारियां क्रमवार रूप से प्रस्तुत की जाएगी। जिसमें इस बात का खुलासा किया जाएगा कि इस अवैध धंधे को शहर के किन लोगों द्वारा संचालित किया जा रहा है, साथ ही किन शहरों से और कौन गाय के मांस को जबलपुर में भेज रहा है। वही खाकी और खादी के पीछे कौन गुनहगार हैं जो हिंदुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।

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