उज्जैन। जमीन और दुकान आवंटन के कारण विवाद में रहे इस बार के कार्तिक मेले में शुरुआती 15 दिनों तक छोटे झूले प्रांगण में यहाँ-वहाँ खड़े रहे। कल से इन्हें नए सेक्टर बनाकर स्थान दिया गया। इसके बाद मेले में अब झूले के लिए पहले की अपेक्षा अन्य क्षेत्र भी नजर आ रहा है।
7 नवम्बर से भले ही कार्तिक मेले की औपचारिक शुरुआत उद्घाटन करके नगर निगम ने कर दी थी लेकिन मेले में दुकानों के साथ-साथ झूला, मौत का कुआ और अन्य मनोरंजन के साधनों के स्थान का आवंटन आधा मेला बीत जाने के बाद भी व्यवस्थित नहीं हो पाया। हालत यह रही कि कार्तिक मेले में हर वर्ष बड़े झूलों के अलावा 15 छोटे झूलों को अनुमति दी जाती थी। झूला व्यवसायियों के मुताबिक इस बार बड़े झूलों और अन्य मनोरंजन के साधनों के लिए जमीन का आवंटन समय पर नहीं हो पाने के कारण झूला व्यापारियों और निगम के बीच आए दिन विवाद होते रहे। इस बीच इस बार मेले में 50 से अधिक लोग छोटे झूले लेकर पहुँच गए थे।
मेले की शुरुआत से लेकर अब तक यह मेले में जहाँ कहीं स्थान मिल रहा था, वहाँ खड़े हो रहे थे। बड़े झूलों के रेट 70 रुपए होने के कारण छोटे झूले वाले लोगों और बच्चों को 10-10 रुपए में झूला झुला रहे थे। कहीं भी झूले लगे होने के कारण मेले में आने-जाने वाले मार्ग अवरूद्ध हो रहे थे। हालांकि पहले दिन से ही नगर निगम छोटे झूले वालों की रसीद काट रहा था। इस पर दो दिन पहले स्थायी झूला व्यापारियों ने आपत्ति ली थी। इसके बाद कल नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी यहाँ पहुँचे। उन्होंने यहाँ-वहाँ छोटे झूले के लिए 3 अन्य स्थान निर्धारित कर दिए। इसके लिए एक-दो और तीन अलग-अलग सेक्टर बना दिए गए जिनमें केवल छोटे झूले लग सकेंगे। इस व्यवस्था के बाद मेला अब जाकर कुछ व्यवस्थित नजर आ रहा है।
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