- हर सप्ताह औसतन 12 से 13 दोपहिया वाहन पलक झपकते हो रहे गायब-वाहन चोरों की गैंग हमेशा रहती है सक्रिय
उज्जैन। अन्य वस्तुओं की तरह दोपहिया वाहनों पर भी महंगाई का असर हो रहा है। यह वाहन लगातार महंगे होते जा रहे हैं। वाहनों के महंगे होने के कारण पुराने वाहनों की चोरियां और बढ़ गई है। जिले में हर सप्ताह औसतन 12 से 13 वाहन पलक झपकते गायब हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पुलिस रिकार्ड के अनुसार साल 2021 की शुरुआत से लेकर गत वर्ष 15 जून तक 166 दिन की अवधि में चोरी गए वाहनों की कीमत 12 करोड़ 81 लाख से ज्यादा आंकी गई थी। हालांकि उस दौरान चोरी गए कुछ वाहन पुलिस ने जब्त भी किए है। तब 166 दिन के समय अंतराल में उज्जैन जिले में 361 वाहन चोरी होने की शिकायतें दर्ज हुई थी। इनमें से 349 दो पहिया वाहन तथा 12 चार पहिया वाहन शामिल थे। ऐसे में औसतन तब भी प्रति सप्ताह जिले के अलग अलग क्षेत्रों से 13 वाहन चोरी होते रहे थे। हालांकि चोरी गए 361 वाहनों में से पुलिस ने पिछले साल 15 जून तक 59 वाहन जप्त करने में सफलता प्राप्त की थी।
चोरी गए 361 वाहनों की कीमत का आंकलन 12 करोड़ 81 लाख 7 हजार 500 रुपए था, जबकि इसके मुकाबले जब्त किए गए 59 वाहनों की कीमत 69 लाख 15 हजार बताई गई थी। यह सिलसिला इस साल भी चलता रहा और पुलिस सूत्रों के मुताबिक अभी भी जिले के थानों में प्रति सप्ताह औसतन 12 से 13 दोपहिया वाहन चोरी होने की शिकायत हो रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार कंजरों के गिरोह पर शंका अधिक है, इनके अलावा नशेड़ी भी पुलिस के निशाने पर हैं। बताया जाता है कि वाहन चोर गिरोह इतना शातिर है कि दिनदहाड़े 5 से 7 मिनट के भीतर किसी भी वाहन का ताला तोड़कर गायब कर देते है। शहर के कानीपुरा रोड पर वाहन चोरी की घटनाएं अधिक होना पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। जानकारों का कहना है कि दोपहिया वाहनों की कीमत लगातार बढ़ रही है और हर कंपनी की अच्छी गाड़ी की कीमत अभी 1 लाख से अधिक है। यही कारण है कि पुरानी गाड़ी की चोरियां अधिक हो रही है, क्योंकि इसके दाम भी चोरों को अच्छे मिल जाते हैं। आए दिन पुलिस वाहन चोरों को पकड़ भी रही है।