नई दिल्ली। टाटा समूह की एयरलाइन एयर इंडिया वैश्विक नेटवर्क और बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने की ओर कदम बढ़ा रहा है। इस बीच एयरलाइन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी व प्रबंध निदेशक कैम्पबेल विल्सन ने कहा है कि एयरलाइन लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में अधिक सुविधाओं वाली इकोनॉमिक श्रेणी शुरू करने वाली है।
जेआरडी टाटा मेमोरियल ट्रस्ट के एक कार्यक्रम में विल्सन ने कहा कि अगले एक दशक में विश्व के विमानन क्षेत्र में भारत और एयर इंडिया के पास प्रमुख भूमिका में आने के अवसर हैं। उन्होंने कहा कि एयर इंडिया घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाकर कम से कम 30 फीसदी करेगी।
एयरलाइन दीर्घकालिक पुनरुद्धार योजना पर काम कर रही है और अगले पांच वर्षों में उसकी अपने बेड़े के साथ-साथ वैश्विक नेटवर्क को बढ़ाने की भी योजना है।
विल्सन ने कहा, ‘निकट भविष्य में एयर इंडिया के विमानों में गलीचे, पर्दे, सीट कवर-कुशन बदले जाएंगे। हमने घरेलू उड़ानों के मैन्यू पूरी तरह से बदले हैं। इसके अलावा, हम लंबी दूरी की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में अगले महीने से अधिक सुविधाजनक इकोनॉमी श्रेणी शुरू करेंगे।’
एयर इंडिया सीईओ ने कहा, ‘धन और कलपुर्जों के अभाव में एयरलाइन के जो विमान कई वर्षों से परिचालन में नहीं थे ऐसे करीब 20 विमानों की मरम्मत की गई है। इसके अलावा 30 अतिरिक्त विमानों के पट्टे तय कर लिए गए हैं जो अगले 12 महीनों में मिलेंगे, इनकी आपूर्ति अगले हफ्ते से शुरू हो जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘इसके अलावा हमारी बोइंग, एयरबस और इंजन विनिर्माताओं के साथ नई पीढ़ी के विमानों के ऑर्डर के लिए बात चल रही है।’
एयर इंडिया ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परिचालन में विस्तार किया है और वेंकुवर, सिडनी तथा मेलबर्न के लिए अधिक उड़ानें शुरू की हैं। विल्सन ने कहा, ‘अब भारत के सात शहरों से लंदन के लिए हमारी सीधी उड़ानें हैं। इसके अलावा अगले कुछ हफ्तों में सैन फ्रांसिस्को, न्यूयॉर्क और नेवार्क तक सीधी उड़ानें शुरू की जाएंगी।
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