अशोकनगर। मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पवन कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में गुरूवार को प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय शरद भामकर द्वारा कुटुम्ब न्यायालय परिसर अशोकनगर में मध्यस्थता जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। उक्त शिविर में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय श्री भामकर द्वारा उपस्थित पक्षकारों को बताया गया कि मध्यस्थता एक सशक्त माध्यम है। इसमें ऐसे सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं जिससे पक्षकारों के मध्य भविष्य की सभी मुकदमेबाजी की संभावना समाप्त होकर विरोधी पक्षों में सौहाद्र्रपूर्ण संबंध स्थापित हो जाते हैं। न्यायालय में अत्याधिक प्रकरण गरीब व मजदूर वर्ग के लोगों के आते है जिससे वे अपना खर्च उठाने में असमर्थ रहते हैं। इस कारण सुलह समाधान केंद्र के माध्यम से सुलहकर्ताओं द्वारा दोनों पक्षकारों के बीच सुलह कराई जाती है।
आपसी समझौतों से राजीनामा योग्य प्रकरणों का निराकरण होने से दोनो ही पक्ष जीत जाते हैं और कोई नहीं हारता है, जिससे पक्षकारों का समय भी बचता है। मध्यस्थता के माध्यम से अपराधिक व दीवानी प्रकरणों का निराकरण के परिणाम स्वरूप पक्षकारों का समय व धन की बचत के साथ-साथ प्रकरणों में आगे कि अपीलीय प्रक्रियाओं से होने वाली असुविधाओं से बचाव होने के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उपस्थित पक्षकारों को आपसी समझौते व मध्यस्थता के माध्यम से अपने प्रकरणों का निपटारा करवाकर मध्यस्थता का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया गया। उक्त शिविर में जिला विधिक सहायता अधिकारी बृजेश पटेल, अधिवक्तागण, कुटुंब न्यायालय के कर्मचारीगण सहित पक्षकार उपस्थित थे।
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