वाराणसी। ज्ञानवापी परिसर (Gyanvapi Campus) में मिली शिवलिंग की आकृति (Shivling shape) की पूजा-पाठ, राग-भोग व आरती की अनुमति मांगने की अर्जी पर शुक्रवार को सिविल जज सीनियर डिविजन कुमुदलता त्रिपाठी (Civil Judge Senior Division Kumudalata Tripathi) की अदालत में सुनवाई (court hearing) होगी। यह अर्जी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती (Swami Avimukteshwarananda Saraswati) और रामसजीवन ने दाखिल की है।
अर्जी में कहा गया है कि कोर्ट कमीशन की कार्यवाही में मिली शिवलिंग की आकृति का विधिवत राग-भोग, पूजन व आरती जिला प्रशासन को करानी चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। न ही सनातन धर्म से जुड़े किसी अन्य व्यक्ति को पूजन-भोग के लिए नियुक्त किया गया। वादियों का कहना है कि कानूनन देवता की परिस्थिति एक जीवित बच्चे के समान होती है। उसे अन्न-जल आदि नहीं देना संविधान की धारा अनुच्छेद-21 के तहत दैहिक स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन है।
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