उज्जैन। दीपावली पर्व को गुजरे आज लगभग तीन सप्ताह का समय होने को है। बावजूद इसके हवा शहर की हवा से प्रदूषण का जहर कम नहीं हो रहा। इसके कारण वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 100 अंकों से नीचे नहीं आ पा रहा है, जो गंभीर है। एक्सपर्ट इसके लिए शहर में चल रहे निर्माण कार्यों, वाहनों के धुएं आदि को कारण बता रहे हैं। शहर का चामुंडा माता चौराहा आज भी सबसे अधिक प्रदूषित है। सुबह यहाँ प्रदूषण स्तर 151 एक्यूआई था।
इन कारणों से बढ़ रहा प्रदूषण
इस संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिकों ने बताया कि शहर में कई जगह सीवरेज लाईन काम डालने का काम चल रहा है। इसके अलावा नई कॉलोनियों में तथा शहरी क्षेत्र में भी नए निर्माण कार्य लगातार चल रहे हैं। दूसरी ओर आगर रोड, इंदौर रोड, देवास रोड और मक्सी रोड से शहर की ओर हजारों वाहन दिन रात प्रवेश कर रहे हैं। वहीं उज्जैन सहित आसपास के क्षेत्रों में फसलों की कटाई के बाद बचे हुए कचरे (नरवाई या पराली) को जलाने की घटनाएं भी हो रही है। इस पर प्रतिबंध के बाद भी किसान लगातार ऐसा कर रहे हैं। इसके कारण हवा में कार्बन पार्टिकल्स काफी बढ़ रहे हैं। साथ ही ठंड बढऩे के साथ ही हवा की गति भी कम हो गई है। इन कारणों से भी हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा शहर में चामुंडा माता चौराहा, आगर रोड, नगर निगम कार्यालय के पास, फ्रीगंज सहित 11 स्थानों पर वायु प्रदूषण मापक यंत्र लगा रखे हैं और स्क्रीन पर लगातार क्षेत्र की वायु में प्रदूषण का स्तर दिखया जा रहा है। पुलिस कंट्रोल रूम पर कंटिन्युअस पॉल्युशन मॉनिटरिंग स्टेशन के माध्यम से हर पर प्रदूषण पर नजर रखी जाती है। यहां दर्ज प्रदूषण के स्तर को देखें तो सामने आता है कि पिछले माह 15 अक्टूबर के बाद से आज तक यानी 31 दिनों में प्रदूषण का स्तर एक बार भी 100 अंकों से नीचे नहीं आया है। आज सुबह से भी एक्यूआई 151 अंकों पर बना हुआ है। इस दौरान प्रदूषण के प्रमुख घटक पीएम-10 यानी सूक्ष्म धूल कणों का स्तर 216 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक गया है, जो अच्छा नहीं है।
30 प्रतिशत बढ़े सांस के मरीज
जिला कोरोना नियंत्रण नोडल अधिकारी डॉ. एचपी सोनानिया ने बताया कि मौसम बदलने के साथ ही प्रदूषण का स्तर बढऩे से सांस के मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। पिछले महीने से तुलना करें तो ऐसे मरीज 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ चुके हैं। इनमें सांस के साथ ही अस्थमा और लंग्स के मरीज भी शामिल हैं। उन्होंने सलाह दी कि जिन लोगों को सांस की बीमारी है, वे ऐसे माहौल में बाहर निकलते हुए हमेशा मास्क लगाए, ज्यादा प्रदूषित क्षेत्रों में जाने से बचें। थोड़ी भी समस्या होने पर डॉक्टर को दिखाएं।
कैसे निकाला जाता है एक्यूआई
बोर्ड द्वारा हवा में घूले घूल सूक्ष्म धूल कण जिनका आकार पीएम-10 और पीएम-2.5 में देखा जाता है के साथ ही हवा में घूली अन्य गैसों को एक फार्मूले के आधार पर गणना कर एक्यूआई निकाला जाता है। इसमें सबसे प्रमुख होता है वायु प्रदूषण का प्रमुख घटक पीएम-10 यानी वे सूक्ष्ण धूल कण जो सांस के माध्यम से शरीर में प्रवेश कर बीमारियों का कारण बनते हैं।
ऐसे समझें प्रदूषण के स्तर को
(जानकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक)
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