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दो लाख में आलमआरा फि़ल्म के प्रिंट लाहौर से भोपाल लाये थे मिस्बाह साब

November 14, 2022

आज खां आप लोगों को फिर पचहत्तर-छियत्तर बरस पीछे ले जाने का दिल कर रिया हेगा। उस दौर में भोपाल की एक भोत जानी मानी हस्ती से आपका तार्रुफ़ कराते हैं। सैयद मिस्बाह उद्दीन नाम था उनका। मिस्बाह साब तो अब इस दुनिया मे नईं हेंगें बाकी चालीस से अस्सी की दहाई में उनका नाम चलता था अख्खे भोपाल में। मिस्बाह साब सन 1940 में भोपाल से शाया होने वाले उर्दू अखबार नदीम के बानी (संस्थापक) एडिटर हुआ करते थे। माशा अल्लाह उर्दू सहाफत में उम्दा नाम था उनका। मिस्बाह साब की बैठक उस वक्त भोपाल और भारत टॉकीज़ के मालिक अकोला वाले सेठ सुगन चंद और डॉ. शंकर दयाल शर्मा, खान शाकिर अली खान और घुर्रू मियाँ के साथ हुआ करती थी। डाक्टर शंकर दयाल उस वक्त सियासत में नहीं आये थे। सन 1946 में भोपाल टॉकीज़ का मेनिजर सेठ जी से चंद रोज़ की छुट्टी लेके अपने घर जो दिल्ली गया तो फिर न लौटा। सेठजी ने अपने दोस्त मिस्बाह साब से इल्तजा करी के मियां आप भोपाल और भारत टॉकीज़ का निज़ाम संभाल लो। मियां ने सेठ सुगन चंद की पेशकश मंज़ूर कर ली और दोनों टॉकीजों के मेनिजर हो गए। उस दौर से लेके अस्सी की दहाई तक टॉकीज़ मेनिजर की हैसियत किसी वीआईपी से कम नहीं होती थी। मंत्री-मिनिस्टरों के फोन सीधे मिस्बाह साब के पास आते थे के मियां चार टिकट रख लेना मिनिस्टर साब की फैमिली आ रई है। इसी तरां जि़ले के और आला पुलिस अफसरों से बी टॉकीज़ मेनिजर के सीधे राब्ते होते थे। मिस्बाह साब के फज़ऱ्न्द सैयद फरीदुउद्दीन बताते हैं के उनके वालिद छह फुट से भी ज़्यादा ऊंचे और भोत दिखलौट इंसान थे। सन 1946 में आज़ादी से कुछ अरसा पेले जब तमाम लोग भारत से पाकिस्तान और पाकिस्तान से भारत आ रय थे,सेठ सुगनचंद ने मिस्बाह साब को 2 लाख रुपये नक़द दिए और लाहौर से पहली बोलती फि़ल्म आलमआरा के प्रिंट भोपाल लाने को कहा।


मिस्बाह साब ट्रेन का लंबा सफर करके लाहौर पहुंचे और आलमआरा के प्रिंट की पेटी लेके भोपाल आये। इस बीच सेठ को कई लोगों ने कहा कि कहां आपने इस दौर में एक मुसलमान को दो लाख रुपये देके लाहौर भेज दिया। देखना वो नहीं लौटेगा। लेकिन मिस्बाह साब आलमआरा लेके भोपाल लौटे। आलमआरा को देखने भोपाली उमड़ पड़े थे। फरीद भाई बताते हैं कि 1958 में शम्मी कपूर ने गीता बाली से शादी कर ली थी। पृथ्वी राज कपूर इस शादी से नाराज़ थे। उस वक्त पृथ्वीराज कपूर अपने बेटे राज कपूर के साथ भोपाल आये हुए थे। शम्मी कपूर ने मिस्बाह साब को बम्बई से फोन करके कहा था के वो उनके वालिद की नाराजगी दूर करवा दें। मिस्बाह साब ने किसी तरां वो नाराजग़ी दूर करवा के बेटा बहु को आशीर्वाद दिलवा दिया था। 1951 में नया दौर की शूटिंग में दिलीप कुमार, बीआर चोपड़ा, अजीत और वैजयंतीमाला भी भोपाल टॉकीज़ आये थे और मिस्बाह साब की मेहमानी क़ुबूल की थी। मुगले आज़म के स्पेशल शो के लिए दिलीप कुमार भी इनके इसरार पे भोपाल आये थे। सेमसन फि़ल्म के प्रमोशन के लिए दारा सिंह और हीरोइन अमिता भी मिस्बाह साब के घर आये तो इनके घर के बाहर भयंकर भीड़ लग गई थी। 1981 तक मिस्बाह साब इस लाइन में सक्रिय रहे। 6 फरवरी 2001 को 81 बरस की उमर में मिस्बाह साब का इंतक़ाल हो गया। उनके पांच में से तीन बेटे भी इंतक़ाल फरमा गये।

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