उज्जैन। नगर निगम में माली हालत खराब है और जरूरी कार्य नहीं हो रहे हैं तथा ठेकेदारों के भुगतान भी अटके हुए हैं और समस्या आ रही है। भाजपा बोर्ड के 100 दिन पूरे हो चुके हैं और भाजपा बोर्ड अपनी उपलब्धियाँ गिना रहे हैं लेकिन जनता के बीच ऐसी कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है जिसे बताया जा सके। सबसे बड़ा काम बजट का पुन: विनियोजन करना था जिससे सभी पार्षदों को वार्ड में काम कराने के लिए बजट मिल पाता। पूर्व में 2 साल तक संभागायुक्त प्रशासक के रूप में कार्यरत है और उस दौरान अधिकारियों ने मनमानी करते हुए पार्षद सभापति, महापौर मद को बंद कर दिया था और अपने हिसाब से शहर का विकास करा रहे थे। इस दौरान आय तो हो रही थी लेकिन शहर विकास में ज्यादा पैसा नहीं लगा। पुराने बोर्ड के काम ही चल रहे थे। अब जब भाजपा की परिषद 100 दिन पहले बन गई तो सबसे पहला काम साधारण सम्मेलन में बजट का पुन: विनियोजन कराने का था लेकिन नई परिषद ने यह नहीं कराया और अन्य कामों में लग गए।
इसी के चलते 3 महीने होने को है, एक भी पार्षद अपने मद से अपने वार्ड में भूमिपूजन नहीं करा पाया है, वहीं कई पार्षदों का दर्द तो यह है कि हमें वार्ड की जनता नाली पर जाली लगाने का कहती है उतने पैसे भी हमारे मद में नहीं है। इसके लिए भी हमें अधिकारियों का मुँह देखना पड़ता है। 3 महीने से अधिक समय हो गया है लेकिन अभी तक कोई बड़ा काम वार्ड में नहीं हो पाया है। वार्ड की जनता जब काम बताती है तो हमें बजट के अभाव में अपना मुँह छिपाना पड़ता है। इंदौर, उज्जैन और प्रदेश में सभी नगर निगम के चुनाव एक साथ हुए थे। इसी के चलते यहाँ अभी तक पार्षद वार्ड में काम नहीं करा पा रहे है, ऐसे में पार्षद 100 दिन की उपलब्धि क्या बताएं उन्हें समझ में नहीं आ रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved