इंदौर। तीन साल तक नामांतरण को लटकाए रखने और मौके की रिपोर्ट भी गलत प्रस्तुत करने के चलते प्राधिकरण के प्रभारी सम्पदा अधिकारी वर्ग-2 के साथ उपयंत्री को निलंबित किया गया। आज और कल नामांतरण के लम्बित प्रकरणों को निपटाने का अभियान भी चलाया जाएगा। बीते कुछ दिनों से एक हजार से अधिक इसी तरह के लम्बित आवेदनों का निराकरण अध्यक्ष और सीईओ ने करवाया है।
योजना क्र. 44 के भूखंड क्र. 129 के नामांतरण का आवेदन तीन साल पहले एक ट्रांसपोर्ट व्यवसायी ने लगाया। कई चक्कर लगाने के बाद भी जब उसमें नामांतरण नहीं हुआ तो उसने अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा से मुलाकात की और अपनी समस्या बताई। श्री चांवड़ा ने संबंधित अधिकारी के साथ फाइल बुलवाई और नामांतरण करने के निर्देश दिए, तो उपयंत्री ने मौके की रिपोर्ट गलत तरीके से प्रस्तुत की। लिहाजा परेशानी व्यवसायी फिर अध्यक्ष के पास पहुंचा और अपनी पीड़ा बताई। उसके बाद अध्यक्ष ने सीईओ को प्रकरण की जांच करने को कहा। जब सीईओ आरपी अहिरवार ने इस मामले की फाइल देखी तो पता चला कि मौके की रिपोर्ट गलत प्रस्तुत की गई है। लिहाजा प्रभारी सम्पदा अधिकारी संजय गोयल और उपयंत्री राजेश उपाध्याय को निलंबित करने के आदेश जारी किए।
इंदौर की योजनाओं को देख रायपुर से आया दल रह गया दंग
जिस तरह इंदौर की स्वच्छता को देखने देशभर के नगरीय निकायों से जुड़े लोग आते हैं, उसी तरह प्राधिकरण की योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी लेने अभी रायपुर विकास प्राधिकरण का दल आया है, जिसमें उपाध्यक्ष सहित संचालक मंडल के चार सदस्य और अधिकारी शामिल हैं। कल इस दल का स्वागत प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा ने किया और 2300 हेक्टेयर जमीन पर आठ टीपीएस योजनाओं की जानकारी दी। चल रहे कार्यों को देख रायपुर का दल भी दंग रह गया।
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