भोपाल। प्रदेश सरकार ने एक साल पहले राजधानी के हमीदिया अस्पताल परिसर के कमलना नेहरू अस्पताल के बच्चा वार्ड में आगजनी से बच्चों की मौत से सबक लेकर व्यवस्था बदल दी है। अब प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में निर्माण और अनुरक्षण कार्य का जिम्मा डॉक्टरों से छीनकर सिविल विंग को देने का निर्णय किया है। इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में कैबिनेट ने सिविल विंग के लिए 121 पदों की स्वीकृति दे दी है। विंग को 10 करोड़ तक के निर्माण और अनुरक्षण कार्य कराने के अधिकार होंगे।
कमला नेहरू अस्पताल में पिछले साल बच्चा वार्ड में आगजनी की घटना से आधा दर्जन बच्चों की मौत हो गई थी। हालांकि सरकार ने 4 बच्चों की मौत ही मानी। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ऐलान किया था कि अस्पतालों में निर्माण एवं सुधार कार्यों के लिए अलग विंग का गठन किया जाए। इस विंग में डॉक्टरों को शामिल नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के एक साल बाद सरकार ने सभी मेडिकल कॉलेजों में सिविल विंग स्थापित करने के फैसले पर मुहर लगाई है। सिविल विंग का मुख्यालय कार्यालय आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा में तथा 5 उप संभाग कार्यालय भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में स्थापित किये जायेंगे। विंग द्वारा 10 करोड रूपये तक की लागत के नवीन निर्माण और भवनों के संधारण का कार्य किया जायेगा ।
मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना की अनुमति
मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं में मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना लागू करने की अनुमति दी। इसमें उद्यम क्रांति योजना के प्रथम चरण में 888 बेरोजगार युवाओं को बैंक ऋण से वाहन उपलब्ध कराया जायेगा। इससे लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं में आवंटित राशन सामग्री को प्रदाय केन्द्र से उचित मूल्य दुकानों तक परिवहन कराया जायेगा।
फसल अवशेष प्रबंधन योजना का संचालन
मंत्रि-परिषद ने नरवाई जलाने की प्रथा को हत्सोहित करने, कृषि यंत्रीकरण को बढ़ाने और भूमि में नमी का संरक्षण करने के लिए फसल अवशेष प्रबंधज्ज् योजना को संचालित करने का निर्णय लिया। योजना में उपयोगी शक्ति चलित कृषि यंत्रों को चिन्हित कर कृषकों द्वारा इन्हें क्रय करने पर अनुदान उपलब्ध कराया जायेगा। लघु, सीमान्त, महिला, एस.सी. और एस.टी. कृषकों को 50 प्रतिशत एवं अन्य कृषकों को 40 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा। योजना का क्रियान्वयन कृषि अभियांत्रिकी संचालनालय करेगा।
मत्स्य-उत्पादन वृद्धि के लिए 100 करोड़ रूपये
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री मत्स्य-विकास योजना को आगामी 2 वर्षों (2022-23 एवं 2023-24) के लिए लागू करने का निर्णय लिया। योजना 2 वर्षों में प्रदेश में मत्स्य-पालन को बढ़ावा देने और मत्स्य-उत्पादन वृद्धि के लिए 100 करोड़ रूपये व्यय किया जायेगा।
हवाई पट्टी के लिए नि: शुल्क भूमि आवंटन
मंत्रि-परिषद ने च्च्रीवा हवाई पट्टी पर U ATR-72 टाईप विमानों के परिचालन के लिए Visual Flight Rules (VFR) तथा InstrumentFlight Rules (IFR) विकसित करने, वर्तमान हवाई पट्टी के विस्तार, विकास के लिए तहसील हुजूर में ग्राम उमरी की 1.948 हेक्टेयर, ग्राम चोरहटा की 7.199 हेक्टेयर, ग्राम चौरहटी की 5.391 हेक्टेयर और ग्राम अगडाल की 10.735 हेक्टेयर कुल 25.273 हेक्टेयर अर्थात 61.945 एकड़ भूमि भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को नि:शुल्क आवंटित करने का निर्णय लिया।
उद्योगों केा बड़ी राहत
मंत्रि-परिषद ने राज्य शासन द्वारा उद्योग संवर्धन नीति 2010/2014 अंतर्गत वृहद श्रेणी के उद्योगों के लिए उद्योग निवेश संवर्धन सहायता/ वेट सीएसटी प्रतिपूर्ति सहायता का प्रावधान किया है। इस सुविधा का लाभ लेने के लिए जारी शासनादेश 22 जून 2018 में उल्लेखित गणना सूत्र में विक्रय गणक की गणना में विक्रय की गई वस्तु के मूल्य के आधार पर वास्तविक सहायता राशि का निर्धारण किया जाये, को स्पष्ट किए जाने का निर्णय लिया गया।
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