नई दिल्ली। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Chinese President Xi Jinping) ने ताइवान के साथ तनाव के बीच मंगलवार को कहा कि बीजिंग सैन्य प्रशिक्षण (beijing military training) को मजबूत करेगा और युद्ध की तैयारी करेगा। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा तेजी से अस्थिर और अनिश्चित (unstable and uncertain) हो रही है। स्काई न्यूज ऑस्ट्रेलिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति ने बीजिंग में केंद्रीय सैन्य आयोग (central military commission) के संयुक्त अभियान कमांड सेंटर के दौरे के दौरान यह घोषणा की।
सरकारी प्रसारक सीसीटीवी (government broadcaster cctv) के मुताबिक, शी ने कहा कि चीन अब अपने सैन्य प्रशिक्षण और किसी भी युद्ध की तैयारी को व्यापक रूप से मजबूत करेगा। सरकारी मीडिया संस्थान सिन्हुआ (Government Media Institute Xinhua) ने शी के हवाले से कहा, “पूरी सेना को अपनी सारी ऊर्जा युद्ध की तैयारी के लिए समर्पित करनी चाहिए और युद्ध की तैयारी के लिए अपनी क्षमता को बढ़ाना चाहिए।”
रिपोर्ट के मुताबिक, शी ने सशस्त्र बलों को 20वीं सीपीसी राष्ट्रीय कांग्रेस के मार्गदर्शक सिद्धांतों का पूरी तरह से अध्ययन, प्रचार और कार्यान्वयन करने, राष्ट्रीय रक्षा और सेना को और आधुनिक बनाने के लिए ठोस कार्रवाई करने का निर्देश दिया। स्काई न्यूज ऑस्ट्रेलिया की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी राष्ट्रपति ने सेना को राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों की रक्षा करने, पार्टी और लोगों द्वारा सौंपे गए विभिन्न कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करने का भी निर्देश दिया।
चीन के केंद्रीय सैन्य आयोग में सैनिकों को संबोधित करते हुए सेना की वर्दी पहने हुए शी पहले भी इसी तरह की टिप्पणी कर चुके हैं। शी के नेतृत्व में चीन ने ताइवान के प्रति अधिक कठोर रुख अपनाया है। कहा गया है कि ताइवान का जल्द ही चीन में पुनर्मिलन हो जाएगा। शी जिनपिंग के इस आदेश से संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके पश्चिमी सहयोगियों की टेंशन बढ़ गई है। बता दें कि अगस्त में अमेरिकी हाउस स्पीकर नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद तनाव लगातार बढ़ रहा है।
चीन ने इस यात्रा को राष्ट्र पर अपनी संप्रभुता के लिए एक चुनौती के रूप में देखा और ताइवान के ऊपर बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास और बैलिस्टिक मिसाइल दागकर ताकत के प्रदर्शन के साथ जवाबी कार्रवाई की। बता दें कि 69 वर्षीय जिनपिंग ने पिछले महीने चीन के राष्ट्रपति के रूप में एक ऐतिहासिक तीसरा कार्यकाल हासिल किया। कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग के बाद से सबसे शक्तिशाली नेता के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत किया।
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