जबलपुर। जी हां हम बात कर रहे है पुल नंबर एक इंद्रा मार्केट स्थित रेलवे की भूमि पर बनी कृष्णा होटल एवं अन्य तीन दुकानों की जो सेवानिवृत रेलवे कर्मी एवं सूतखोर विनोद टाटीकर द्वारा रेलवे की भूमि पर अवैध कब्जा कर निर्मित की गई है । चर्चा ये है कि होटल तो सिर्फ दिखावे का खेल है जहां से अवैध कार्य संचालित किए जाते हैं।
कैसे चलता है सूतखोरी का रैकेट
सूत्र बताते है की इन सब कार्य का हिस्सा रेलवे के जिम्मेदार इंजिनियर विभाग के अधिकारीयों एवं कर्मचरियो को भी दिया जाता है स अपने ही विभाग की शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण करवा कर मांस, मछली भोजन एवं मदिरा का भोग पास मे ही बने इंजिनियर विभाग के कार्यलय में किया जाता है। जिसके एवज में सेवानिवृत रेलवे कर्मी एवं सूतखोर विनोद टाटीकर एवं उसके बेटे लक्की टाटीकर को अवैध कार्य करने की परमिशन मिल जाती है।
रेलवे की भूमि पर कब्जा कर 4 दुकानों का निर्माण
विनोद टाटीकर एवं लकी टाटीकर रेलवे की भूमि पर कब्जा कर 4 दुकान निर्मित किये हुए है । जहां से एक बड़ी दुकान से कृष्णा होटल एवं एक दुकान से मीट की दुकान एवं अन्य दो दुकान किराए पर देकर अपनी कमाई का स्रोत बनाये हुए है। इतना ही नही दुकान के पीछे से विनोद का पुत्र लकी टाटीकर सट्टा लिखने का काम करता है यह सब कार्य का बखूबी हिस्सा रेलवे के इंजिनियर विभाग को जाता है।
पूर्व में दर्ज है सूतखोरी के कई प्रकरण
विनोद और उसके बेटे लकी के उपर सूतखोरी एवं अन्य अपराधिक प्रकरण दर्ज है। रेलवे के सीधे साधे कर्मचरियो को थोड़े पैसे ब्याज मे देकर उनके ब्लैंक चेक लेकर उनके एकाउंट से मनचाही रकम निकाल लेना इनका पेशा है। हैरत की बात यह है की इतना सब होने के बाद भी रेलवे के वरिष्ट अधिकारी इस सूतखोर सेवानिवृत कर्मी के अवैध निर्माण हटाने मे क्यों चुप्पी थामे बैठे है।
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