पुणे: भारत में 100 से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या सैकड़ा-हजारों में नहीं, बल्कि लाखों में है. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि भारत में 100 साल से अधिक उम्र के 2.49 लाख मतदाता हैं. इसके अलावा, 1.80 करोड़ वोटर्स की आयु 80 साल से अधिक है. मुख्य चुनाव आयुक्त ने महाराष्ट्र के पुणे शहर में मतदाता जागरूकता अभियान के लिए एक साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाने के बाद यह जानकारी दी.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने बुधवार को महाराष्ट्र के पुणे शहर में मतदाता सूची के विशेष सारांश संशोधन का राष्ट्रीय स्तर पर शुरूआत करते हुए मतदाता पंजीकरण के बारे में जागरुकता फैलाने के वास्ते एक साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. इस दौरान कुमार ने कहा, ‘आपको यह जानकर खुशी होगी कि हमारी सूची में 2.49 लाख से अधिक मतदाता हैं जो सौ साल से अधिक उम्र के हैं.’
राजीव कुमार ने बताया कि भारतीय मतदाता सूची में लगभग 2.49 लाख मतदाता हैं, जो 100 साल से अधिक उम्र के हैं. उन्होंने कहा, ‘सारांश संशोधन हर साल होता है, लेकिन इस साल हम एक बहुत ही केंद्रित गतिविधि कर रहे हैं और इसे आज पुणे से पूरे देश में शुरू कर रहे हैं.’ भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) की इस पहल का उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं के पंजीकरण में वृद्धि करना है.
सीईसी ने पुणे के बालेवाड़ी इलाके में शिव छत्रपति स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में साइकिल रैली को हरी झंडी दिखाते हुए कहा, ‘इसका क्या मतलब है? देश में हर जगह और सबसे दूरस्थ राज्यों में, चाहे वह पहाड़ियां हों, तटीय रेखाएं हों, दुर्गम इलाके, रेगिस्तान, हर जगह हर एक नागरिक मतदाता के रूप में सूचीबद्ध हो सकता है और न केवल पंजीकृत होकर बल्कि अपने वोट से भी लोकतंत्र को मजबूत करता है.’ उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने के विशिष्ट उद्देश्य से पुणे से विशेष सारांश संशोधन शुरू किया गया है.
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